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छत्तीसगढ़

नदी-ताबालों में किया गणेश प्रतिमा का विसर्जन

भिलाई । गणपति बाप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ..जयकारों के बीच जुलुस निकालकर भक्तों ने धूमधाम से गणेश विसर्जन का कार्य संपन्न किया। इस अवसर पर शहर में उत्सवी माहौल रहा। भजन-कीर्तन के साथ भक्त-मंडली झूमते गाते सरोवरों पर पहुंचे जहाँ उन्होंने गणेश प्रतिमाओं को ठंडा किया। गणेश विसर्जन के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं एवं बच्चों ने भाग लिया और जयकारों के बीच माहौल को भक्तिमय बना दिया। मंगलवार 19 सितंबर से गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव की शरुआत हुई थी जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन हुआ। गणेश पंडालों एवं घरों में विधि-विधान से पूजा-आरती के पश्चात् गणेशजी को विसर्जन के लिए विदा किया गया। भक्तों ने पंडित-पुजारियों के निर्देशन में गणेश प्रतिमा को चन्दन, फल-फूल, दूर्वा, मोदक, पान-सुपारी, धूप-दीप, नैवेद्य आदि समर्पित कर परिवार के साथ उतारी और परिक्रमा किया। पूजा पंडालों एवं घरों में विधिपूर्वक हवन भी किया गया। तत्पश्चात विदाई जुलुस निकला गया जिसमे झूमते-गाते धूमधाम से पुष्?पों और लाल रंगों की बौछार करते हुए गणपति को विसर्जन के लिए लेकर भक्तगण निकले। पूरा माहौल उत्सवी हो गया था। गणेश भक्त बसंत शुक्ला ने बताया कि श्री गणेश की विदाई के समय भावुक और विभोर कर देने वाला प्रसंग आया। इस वर्ष भी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के समय अनेक स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गए।
जगह-जगह भोग-भंडारे का आयोजन
इस अवसर पर दो दिनों से लगातार भोग-भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जहाँ में बड़ी संख्या में पहुंचकर भक्तगण प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। कहीं खिचड़ी तो कहीं बारहों व्यंजन और अनेक स्थलों पर हलुआ-पूड़ी सब्जी पुलाव आदि का भंडारा भी खिलाया जा रहा है।

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