आदिवासियों ने डिपॉजिट-4 के खिलाफ हल्ला बोला
किरंदुल । दंतेवाड़ा जिले में जल, जंगल, जमीन को लेकर आदिवासी आंदोलनरत है, लाल पानी से प्रभावित 53 गावों के आदिवासियो को आज तक इस पानी से निजात नहीं मिली है। बावजूद इसके एनएमडीसी और जिला प्रशासन डिपॉजिट 4 को खोलने की तैयारी में जूटा है ,आदिवासियो ने लगातार प्रबंधन और जिला प्रशासन को सचेत किया है कि पहले समस्याग्रस्त पंचायतों की सुविधाओं पर ध्यान दिया जाएं ,उनको लाल पानी की वजह से हो नारकीय जीवन से उबारा जाए ,इसके बाद ही कोई नए प्लांट की दिशा में कदम आगे बढ़ाए । इन तमाम मुद्दों को एनएमडीसी और सरकार नजरअंदाज कर आदिवासियों को कुचल रही है ,इसके बावजूद सरकार नया प्लांट स्थापित करना चाहती है। इस बात को लेकर भांसी डिपोजिट 4 से प्रभावित पंचायतों के आदिवासी अक्रोशित है ! आदिवासियो ने बचेली एनएमडीसी चेक पोस्ट पर हल्ला भी बोला हैं। हजारों ग्रामीण एकत्र होकर एनएमडीसी मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। डिपॉजिट 4 का खुले तौर पर विरोध किया जा रहा है। एनएमडीसी प्लांट में चल रहे काम पूरी तरह टप हो चुके हंै। सूत्रों की माने तो एक ही दिन में करोड़ों का नुकसान हुआ है।
डिपॉजिट 4 खुलने से पंचायतें प्रभावित होंगी : इनमें भांसी ,कमेली ,धुरली ,झिरका , बसनपुर ,गामावड़ा ,नेरली ,दुगेली कुदेली , मोलसनार,बचेली , उरेपाल ,वेच्छापाल आदि शामिल हैं। पंचायतों के गांव पहले से ही लाला पानी का दंश झेल रहे है। किसान लाल पानी से बुरी तरह से प्रभावित है लाला पानी का मुआवजा किसानों को गाहे बगाहे ही मिल पाता है। फसलें लाल पानी से चौपट हो जाती है, एनएमडीसी प्रबंधन और जिला प्रशासन किसानो के दर्द को महसूस ही नही कर रहा है।
डिपॉजिट 4 के खुलने के बाद ये गांव बद से बदतर हो जायेंगे। प्रदूषण और लाला पानी के प्रभाव से आदिवासियों का जीवन नारकीय हो जाएगा।
इस मांग पर अड़े आदिवासी: एनएमडीसी और जिला प्रशासन डिपॉजिट 4 के लिए जो ग्राम सभा आयोजित की थी उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ,उस ग्राम सभा की कार्रवाई को सार्वजनिक किया जाना चाहिए! 12सितम्बर को जिला प्रशासन और एनएमडीसी के द्वारा लोक सुनवाई भांसी आईटीआई में गई थी। इसका ग्रामीणों द्वारा जमकर उसका विरोध किया गया था इसके बाद भी लोक सुनवाई की कार्रवाई पूरी की गई ,यह लोक सुनवाई पूरी तरह से फर्जी है इस फर्जी लोक सुनवाई को ग्रामीण सिरे से खारिज
करते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि लोक सुनवाई में पर्यावरण संरक्षण मंडल बोर्ड के नियमों का पालन किया जाए व इस पूरी कार्रवाई भी सार्वजनिक किया जाए!
इस आंदोलन का नेतृत्व बैलाडीला क्षेत्र के सभी पंचायतों के सरपंच जनपद सदस्य आदि जनप्रतिनिधियों दारा किया जा रहा है !