छत्तीसगढ़

14 साल बाद जगरगुंडा में हुई माशिमं की परीक्षा

सुकमा । धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगरगुंडा में हालात सामान्य होते ही जिला प्रशासन के प्रयासों से परीक्षार्थियों को राहत दिलाने के लिए दोरनापाल में संचालित जगरगुंडा परीक्षा केंद्र पुन: जगरगुंडा में स्थापित किया गया। ग्राम में केंद्र के संचालन से जगरगुंडा, चिंतलनार के परीक्षार्थियों की अतिरिक्त परेशानियां भी कम हुई और परीक्षा की तैयारी के लिए भरपूर समय मिला। जिले में माशिमं की परीक्षा के सफल आयोजन के लिए 16 परीक्षा केंद्र बनाये गए थे। विगत वर्षों में 14 केंद्रों में बोर्ड परीक्षा सम्पन्न कराई जाती थी। इस वर्ष 2 नए परीक्षा केंद्र बनाए गए। जगरगुंडा में पुन: माशिमं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन होने से चिंतलनार, जगरगुंडा के विद्यार्थियों और उनके पलकों में उत्साह है। इसके लिए उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए शासन प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
धुर नक्सल प्रभावित ग्राम जगरगुंडा को 14 साल बाद परीक्षा केंद्र को पुन: जगरगुंडा में संचालन करने की स्वीकृति मिली है। सलवा जुडूम अभियान के बाद से जगरगुंडा की शैक्षणिक संस्थाओं को दोरनापाल में संचालित की जाती थी। परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए 56 किमी की दूरी तय करके एक माह पूर्व दोरनापाल जाना पड़ता था। परीक्षार्थियों के ठहरने के लिए विभाग द्वारा परीक्षा सम्पन्न होने तक आश्रम-छात्रावास में वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाती थी। वहीं कुछ बच्चे किराए के मकान में रहकर परीक्षा में शामिल होते थे। साथ ही परीक्षा केंद्र दूर होने से कुछ बच्चे बोर्ड परीक्षा से वंचित होते थे। शैक्षणिक सत्र 2018-19 में आश्रम-शालाओं को दोरनापाल से पुन: जगरगुंडा में संचालित की गई, लेकिन परीक्षा केंद्र दोरनापाल में ही संचालित किया जाता था। जिससे जगरगुंडा, चिंतलनार के 10वीं, 12वीं के परीक्षार्थियों को 2 साल तक बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए दोरनापाल आना पड़ता था। अब जगरगुंडा में ही परीक्षा केंद्र संचालन से विद्यार्थियों को ज्यादा दूर सफर करना नहीं पड़ेगा। जिला शिक्षा अधिकारी श्री नितिन डडसेना ने बताया कि इस वर्ष शासन से 2 नये परीक्षा केंद्र की स्वीकृति मिली, जिनमें सुकमा विकासखंड के मुरतोंडा, कोंटा विकासखंड के मराईगुड़ा (वन)शामिल है। साथ ही दोरनापाल में संचालित जगरगुंडा परीक्षा केंद्र को भी पुन: जगरगुंडा स्थापित किया गया है। विगत वर्षों में 14 परीक्षा केंद्रों से बोर्ड परीक्षा संपन्न कराई जाती थी। इस वर्ष 16 केंद्रों में सफलतापूर्वक परीक्षा सम्पन्न कराया गया। इस वर्ष जगरगुंडा के परीक्षा केंद्र में 10वीं के 16 बच्चे और 12वीं के 26 बच्चे बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए। वहीं मुरतोंडा में केंद्र में 56 बच्चे, मरईगुड़ा (वैन) में 19 बच्चे 10 वीं की बोर्ड परीक्षा दिए। जगरगुंडा के विद्यार्थियों को परीक्षा में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए शासन प्रशासन द्वारा हेलीकॉप्टर से 4 दिन पहले ही पर्चा पहुंचाई गई। साथ ही परीक्षा केंद्र में पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित किया गया था। कड़ी सुरक्षा में परीक्षा के सफल आयोजन के बाद सभी पर्चा हेलीकॉप्टर से जिला मुख्यालय लायी गयी। कलेक्टर हरिस एस. ने कहा कि जगरगुंडा के छात्र-छात्राओं को परीक्षा के अतिरिक्त किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए दोरनापाल में संचालित परीक्षा केंद्र को पुन: जगरगुंडा में स्थापित किया गया है। जिससे परीक्षार्थियों को ज्यादा दूर सफर करना नहीं पड़ेगा और उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए भी भरपूर समय मिलेगा। साथ ही परीक्षा केंद्र स्थापित करने से क्षेत्र में निश्चित तौर से विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी।

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