अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भिलाई इस्पात संयंत्र में महिला सशक्तिकरण उत्सव

भिलाई । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, जब पूरी दुनिया जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना रही है, वहीं सेल-भिलाई स्टील प्लांट पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान रहे इस स्टील उद्योग में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। सेल-बीएसपी में कई प्रेरणादायक महिलायें हैं, जिन्होंने यह साबित किया है कि ताकत, लचीलापन, दृढ़ता और समर्पण, लैंगिक सीमाओं को पार कर सकते हैं। इस महिला दिवस पर हम उन्हीं में से कुछ चुनिन्दा कहानियां साझा कर रहे हैं- मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती निशा सोनी, जिन्होंने 1984 में सेल में अपने करियर की शुरुआत की थी और अपने 29 वर्षीय सफर का श्रेय सेल की लिंग-निरपेक्ष और सहायक संस्कृति को देती हैं। उनका मानना है कि प्रोफेशनल महत्वाकांक्षाओं और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखना महिलाओं को सपनों से समझौता किए बिना उसे साकार करने में मदद करता है। कार्य-जीवन संतुलन के लिए उनका अनुशासित दृष्टिकोण – कार्यालय में अपने काम के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित करना और घर पर परिवार पर ध्यान केंद्रित करना उनकी सफलता की आधारशिला रहा है। महाप्रबंधक सुश्री सिम्मी गोस्वामी, जो 1993 में बीएसपी में जुड़ीं, अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताती हैं, वे उस समय ब्लास्ट फर्नेस में अकेली महिला थीं। वह उस समावेशी और सहायक वातावरण को याद करती हैं जिसने उन्हें कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद की और पारंपरिक बाधाओं को तोड़कर सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। महाप्रबंधक श्रीमती बोन्या मुखर्जी जो 1992 से सेल-भिलाई स्टील प्लांट का हिस्सा रहीं हैं, कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए विशेष टैग की आवश्यकता नहीं मानतीं। उनका मानना है कि महिलाओं को उनकी कड़ी मेहनत और गुणों के आधार पर ही महत्व मिलना चाहिए। महाप्रबंधक श्रीमती अनुपमा कुमारी, जो 1993 से सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत हैं, दृढ़ता और समर्पण की मिसाल हैं। महाप्रबंधक श्रीमती नीना राठौर, सेल-बीएसपी में नेतृत्व और शक्ति का एक और प्रेरणादायक उदाहरण हैं। महिला दिवस पर उनका संदेश संगठन में महिलाओं की सहनशक्ति, कठिन परिश्रम और अग्रणी भावना को रेखांकित करता है। वह महिलाओं के योगदान को केवल कर्मचारियों के रूप में नहीं, बल्कि लीडर, मार्गदर्शक और रोल मॉडल के रूप में भी महत्वपूर्ण मानती हैं। सेल-बीएसपी की श्रीमती निशा सोनी, श्रीमती बोन्या मुखर्जी, श्रीमती अनुपमा कुमारी सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से श्रीमती विनीता द्विवेदी, मानव संसाधन से सुश्री शीजा मैथ्यू और सुश्री आर रंजनी, परियोजना विभाग से रूपम कक्कड़, शिक्षा विभाग से श्रीमती शिखा दुबे, स्टील मेल्टिंग शॉप से श्रीमती पुष्पा एम्ब्रोस, अग्निशमन विभाग से सुश्री सारिका गहने और कई अन्य महिलाओं की कहानियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि सही समर्थन और अवसरों के साथ, महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।