छत्तीसगढ़

हाथियों ने फिर एक ग्रामीण की ली जान क्षेत्र में दहशत

गरियाबंद …..जिले में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके चलते हाथियों के द्वारा इन ३ सालों में ५ मौतें हो चुका है बीती रात भी उदंती सीतानाडी टाइगर प्रोजेक्ट के बफर जोन के तौरंगा परीक्षेत्र के गांव अरगडी मे एक व्यक्ति की मौत हाथियों ने कुचल कर कर दी दरसल गरियाबंद जिले में लगभग ५० से अधिक हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहा है । वन विभाग सिर्फ मुनादी कर लोगों को जंगल ना जाने की सलाह दे रहे हैं जबकि ग्रामीण जन इन्हीं जंगलों के वनोपज के सहारे अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं ऐसे में उनका जंगल ना जाना संभव नहीं है
हाथियों का आतंक जिले के फिंगेश्वर छुरा गरियाबंद मैनपुर देवभोग क्षेत्र तक फैला हुआ है जिसके चलते जिला वासियों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो चला है वन विभाग के द्वारा लगातार मुनादी कर के ग्रामीणों को साथियों से सतर्क और दूर रहने के साथ ही जंगल ना जाने की बात कह रहे हैं किंतु यह वनवासियों के लिए संभव नहीं है वनवासीयो का जिवन वनोपज पर ही आधारित है जिनका जीवन बगैर जंगल जाए संभव नहीं हो पाता ऐसी स्थिति में मुनादी कर वन विभाग अपने कार्यों का इतिश्री कर लेता है लेकिन इसकी खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है

बीती रात उदंती सीतानाडी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बफर जोन में स्थित अडगडी में एक व्यक्ति बुधराम खेतों में रखवाली कर रहा था उसे हाथियों ने कुचलकर टुकड़े टुकड़े कर दिए जिसके बाद से पूरे क्षेत्र में आतंक के साये मे जी रहा है हालांकि वन विभाग इन हाथियों को दूर रखने की बात जरूर कह रहा है और मौत के बाद ₹२५ हजार तत्काल साहयता देने के बाद अन्य राशि देने की बात भी कह रहे है किंतु इन मुआवजा राशि से किसी की जिंदगी वापस नहीं आ सकती इस बात को वन विभाग को सोचना होगा और ऐसा प्रयास करना होगा कि हाथियों को एक जगह समेट कर रखा जाये अन्यथा जन आक्रोश फैल सकता है और यह आक्रोश भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकते हैं इन पहलुओं के साथ वन विभाग को मानवीय संवेदना ओं के साथ आगे कार्य करना चाहिए ।

उदंती सीतानाडी टाइगर प्रोजेक्ट के उपनिदेशक वरुण जैन का कहना है कि यह घटना बीते देर रात को हुई है उन्होंने वन स्टाफ तत्काल भेज दिया था और प्रथम दृष्टाय सहायता राशि के रूप में मृत व्यक्ति के पत्नी को ₹२५ हजार दे दिया गया है साथ ही ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि ८-१० दिनों के अंदर उनकी बच्ची राशि ५ लाख ७५ हजार भी दे दिया जाए जिसके लिए पहल चालू है और ग्रामीणों को हिदायत दी जा रही है कि वे जंगल से दूर रहें सतर्क और सावधान रहें और घरों से रात्रि के समय बाहर ना निकले अगर जरूरत हो तो झुन्ड में निकले

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