मूलभूत सुविधाओं के लिए और कितना इंतजार करना होगा
राजिम । राजिम से छुरा एकल सड़क मार्ग अभी भी चौड़ीकरण के इंतजार में समय गुजार रहे हैं। यह छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धर्म नगरी राजिम से जिले के ब्लॉक मुख्यालय छुरा को जोड़ती है। राजधानी रायपुर या फिर धर्म नगरी राजिम में आने वाले लोग बड़ी मुश्किल से अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचते हैं। थोड़ी सी भी चूक हुई तो दुर्घटनाएं होने का डर बना रहता है। बरसात में तो स्थितियां और विकराल हो जाती है। हल्की बरसात होने के बाद ही पुल पुलियो के अभाव में सड़कों पर पानी चलते हैं जिसके कारण आवागमन बंद हो जाता है। शहर के वार्ड क्रमांक 14 पथर्रा के पास नाला बना हुआ है। बारिश होने पर सड़क के ऊपर पानी चलता है जिसके कारण यात्रियों को अपनी यात्रा स्थगित करना पड़ता है। कुछ-कुछ जान जोखिम में डालकर नाला को पार करते हैं। इसी मार्ग से होते हुए सैकड़ों गांव के लोग कृषि उपज मंडी राजिम तथा शासकीय कॉलेज पढ़ाई के लिए जाते हैं। फॉरेस्ट विभाग एवं पीएचई विभाग का कार्यलय तथा व्यवहार न्यायालय इसी मार्ग पर है। इसके अलावा सैकड़ों गांव के लोगों का आना जाना चौबीसों घंटे लगा रहता है। किसान अपने उपज को बेचने के लिए बैलगाड़ी, मोटर, कार इत्यादि साधनों से पहुंचते हैं। एकल मार्ग होने के कारण बड़ी परेशानी होती है लेकिन क्या करें मांग करते करते इन गांव के लोग थक चुके हैं। पर किसी की ध्यान नहीं गया और इंतजार में आजादी के 76 साल बीत गए। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय राजिम विधानसभा ने तीन बार मुख्यमंत्री दिया। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 23 साल में एक पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री दिया। इसके अलावा केंद्र में भी मंत्री बनाकर भेजा पर छुरा रूट की किस्मत नहीं चमकी। सड़क एकल होने के कारण एक बड़ी गाड़ी चलने से बाकी वाहन धारियों को नीचे उतरना पड़ता है जबकि नीचे बरसात के दिनों में कीचड़ रहते हैं कई बार तो लोग गिर भी जाते हैं उन्हें चोट लगती है तथा गाडिय़ां बिगडऩे पर बनवाने में लंबा खर्चा आता है।
छोटे-छोटे गांवों की सड़कें चौड़ी पर छुरा पहुंच मार्ग की ऐसी हालत क्यों
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद छोटे-छोटे गांव की सड़कें चौड़ी हो गई है। अब लोग गाडिय़ां फराटे दार चलाते हैं और कम समय में ही अपने मंजिल तक पहुंच जाते हैं परंतु राजिम से छुरा मार्ग की ऐसी स्थिति हर किसी को सोचने के लिए मजबूर कर देती है। इन वर्षों में भाजपा और कांग्रेस के अनेक सांसद और विधायक बने पर किसी ने अपने पूर्ण जिम्मेदारी के साथ सड़क चौड़ीकरण करने की वकालत नहीं किया जिनका नतीजा स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। आखिरकार चौड़ीकरण नहीं होने का पेंच कहां पर फंसा हुआ है। लोग एकबारगी सोच रहे हैं।
पिछले 10 सालों से सड़क चौड़ीकरण की बात चल रही
जानकारी के मुताबिक पिछले 10 वर्षों से राजिम से छुरा सड़क मार्ग के चौड़ीकरण की बात सुनने को मिल रही है यहां तक कि यह भी बताया जा रहा था कि सड़क के लिए राशि की स्वीकृति मिल चुकी है शीघ्र चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा देखते देखते 10 साल गुजर गए पर अभी तक चौड़ीकरण कार्य का अता पता नहीं है। सड़क की चौड़ाई छोटी होने के कारण उस दिन पहले छुरा मार्ग में जाने वाली 10 चक्का वाहन गिर गया। उसमें रखे सम्मानित गिर कर बिखर गए क्योंकि लड़के संकरी होने के कारण गाड़ी को टर्न नहीं कर पाए। परसों एक आदमी साइड देने के चक्कर में गिर गए। ऐसे ढेरों उदाहरण इस सड़क मार्ग पर आए दिन देखने को मिल रहे हैं। अब तो यहां के लोग नेताओं पर भरोसा कम करने लगे हैं। इस संबंध में राजिम पीडब्ल्यूडी के एसडीओ नीता रामटेके ने बताया कि यह सड़क मार्ग एडीबी योजना के अंतर्गत है।