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छत्तीसगढ़

प्रशासन की लापरवाही से किसान की फसल बर्बाद

नारायणपुर । नारायणपुर जिले में बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश जहां एक तरफ कई किसानों के लिए खुशी बनकर बरसी है तो वही बोरगांव के एक किसान के लिए यही बारिश प्रशासनिक लापरवाही के चलते आफत की बारिश साबित हुई और किसान के ढाई एकड़ की फसल पानी में डुबकर बर्बाद हो गई । अब बुजुर्ग किसान के सामने कर्ज पटाने और अपना जीवनयापन करने की समस्या सामने खड़ी हो गई है जिसको लेकर किसान की पत्नी के आसूं अपना दुखड़ा बताते छलकने लगा । पंचायत द्वारा किसान के खेत के समीप मना करने के बावजूद अमृत सरोवर के तहत तालाब का निर्माण कार्य नाले में किया जा रहा है जो अधूरे निर्माण के चलते किसान के लिए मुसीबत बन गया । वही जिम्मेदार अधिकारी मामले की जांच कर कार्यवाही की बात कह रहे है । नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत खड़कागांव के आश्रित ग्राम बोरगांव के रमेश ध्रुव किसान कि ढाई एकड़ की फसल अमृत सरोवर के तहत निर्माणाधीन तालाब के पानी की चपेट में आने से पूरी फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गई । किसान ने बड़ी मुश्किल से कर्ज लेकर खेत में बीज की बुवाई हजारों रुपए लागत से की थी। खेत में अधूरे अमृतसरोवर का पानी भर जाने और फसल के बरबाद हो जाने से ऋण चुकाने के साथ साथ साल भर के जीवन यापन का साधन बनने वाले फसल की समस्या खड़ी हो गई है । किसान अपने खेत की ओर निहार खेत में उतरकर भरे पानी में अपनी फसल ढूंढ आंसु बहा रहा है । किसान परेशान है वह ग्राम पंचायत सचिव तो कभी पटवारी और ग्रामसेवक के चक्कर लगाने मजबूर है , किसान की अपनी समस्या सुनाने सरकारी कर्मचारियों के घरों के चक्कर काटने को मजबूर है सुनने वाला कोई नहीं है । सोनबती ध्रुव रमेश ध्रुव किसान की पत्नी ने भावुक होकर बताया कि परिवार के जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन कृषि है जिस पर परिवार निर्भर है । इसके आलावा घर में कोई और कमाने वाला नही है पूरे वर्ष भर का फसल अब बर्बाद हो गया हाथ में कुछ नही आयेगा यह बताते बताते महिला रो पड़ी और अपनी पीड़ा जाहिर की। ग्राम बोरगांव के नाले पर इंजीनियर ने नबिना जांच के अमृत सरोवर का निर्माण पंचायत को करने का आदेश दे दिया ये आंकलन नही लगाया की नाले से लगे खेतो को नुकसान हो सकता है । नाले पर अमृत सरोवर के आधे अधूरे निर्माणाधीन तालाब से ढाई एकड़ की फसल जल मग्न हो गया है । अगर तालाब में भरा पानी को बाहर निकालने के लिए कोई आहता का निर्माण किया गया होता तो किसान की फसल जल मग्न नही होता और किसान की सामने आई समस्या नहीं आई होती । वही किसान अपने खेत के समीप खड़े होकर एक टक अपने जलमग्न खेत को देख आंसू बहा रहा हैं । वहीं किसान के आरोप पर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अब तक किसान के खेत का मुआयना करने तक की जेहमत नही उठा रहे हैं। वही घनश्याम जांगड़े,सीईओ जनपद पंचायत नारायणपुर ने उक्त जगह का मुआयना कर किसान को राहत पहुंचाने की बात कही कहते हुए अपना पल्ला झाड़ते नजर आए । जब अमृत सरोवर का निर्माण किया जा रहा था तो इंजीनियर ने स्थल का निरीक्षण कर पानी के भराव होने से आसपास के खेतो में पानी का भराव होने से होने वाले नुकसान का आंकलन क्यों नहीं किया ये एक बड़ा सवाल है ।

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