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छत्तीसगढ़

बजट में संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की आस

कवर्धा । 6 मार्च 2023 को आने वाले बजट सत्र मे छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों को बहुत सारी उम्मीदें है उसमे से एक महत्वपूर्ण मुद्दा संविदा कर्मचारियों जो की नियमितीकरण का इंतजार राज्य निर्माण के बाद से कर रहे है । प्रदेश मे 45000 से अधिक संविदा कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, क़ृषि, शिक्षा, महिला बाल विकास, पीडब्लूडी सहित तमाम विभागों मे राज्य योजना एवं केंद्र-प्रवर्तित योजनाओं के अंतर्गत कार्यरत है । कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार चुनावी घोषना पत्र मे वर्ष 2018 मे बड़ा दांव खेलते हुए कर्मचारियों के संबंध मे शिक्षकर्मियों के संविलियन को 2 वर्ष का वादा किया था उसी प्रकार सभी संविदा, अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण का वादा भी किया था तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, मोहन मरकाम, कवासी लखमा ने सार्वजनिक तौर पर नियमितीकरण करने का वादा 3 जुलाई 2018 को कर्मचारियों के आंदोलन के दौरान कहा था जिससे कर्मचारियों को कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बहुत उम्मीदें बंधी थी । छत्तीसगढ़ सरकार ने संविदा कर्मचारियों की तरह ही कार्य कर रहे शिक्षाकर्मियों को जो की शुरुवाती दौर मे राजीव गाँधी शिक्षा मिशन के कर्मचारी थे और पंचायतों,जनपदों के माध्यम से भर्ती हुए थे उनका संविलियन शिक्षा विभाग मे किया गया। लेकिन शासन के और बहुत से विभागों मे कार्यरत संविदा कर्मचारियों के प्रति सरकार का रवैया पूर्ववर्ती सरकारों की तरह ढुलमूल ही रहा है अभी तक 14 फऱवरी 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनियमित संविदा कर्मचारियों के मंच पे आने वाला साल कर्मचारी मन के बोलकर एक उम्मीद की किरण संविदा कर्मचारियों को दिखाई थी लेकिन उसके बाद गठित पिंगवा कमिटी और कोरोना दोनों का हाल सिर्फ कर्मचारियों को प्रताडि़त करने वाला ही रहा । जिसका रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुआ और कोरोना काल मे अपने जान की जोखिम लगाकर कार्य करने वाले कोरोना योद्धा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारि, मनरेगा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, क़ृषि, शिक्षा सहित सभी विभाग के कर्मचारियों लगातार अपने मांगो को लेकर मुखर रहे और सरकार से संवाद स्थापित करने की भरसक कोसिस करते रहे लेकिन ने हर बार संवाद स्थापित नहीं किया जिसके कारण बहुत से आंदोलन हुए और सरकार के प्रतिनिधि सिर्फ अपना जवाब वादा पूरा करेंगे पूरा करेंगे करते रहे 7 सरकार के वरिष्ठ मंत्री और प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने कैबिनेट बैठकों मे निर्णय की बात बार बार दोहराई लेकिन कई कैबिनेट की बैठक हो जाने के बाद भी संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण आज भी अधूरा रहा है । आने वाले बजट के संबंध मे छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा की जनमत की सरकार को संविदा कर्मचारियों का वादा पूरा करना जरूरी है जिससे आमजनता के साथ साथ कर्मचारियों का भरोषा सरकार पर बना रहे । कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा एवं सचिव श्रीकांत लास्कर ने संयुक्त बयान मे कहा की सरकार जिस प्रकार से संविदा कर्मचारियों का शोषण विगत कई वर्षों से नियमितीकरण न देकर करते आ रही है उससे आजादी का वादा कांग्रेस पार्टी ने किया था उसको बजट ससत्र मे सभी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा कर पूरा करे । संघ के के उपाध्यक्ष संजय सोनी,कोषाध्यक्ष टीकमचंद कौशिक,प्रवक्ता सूरज सिंह, प्रांतीय सदस्य तारकेश्वर साहू, टेकलाल पाटले, विजय यादव, सुदेश यादव, परमेश्वर कौशिक, शेख मुस्तकीम ने कहा की विभिन्न राज्यों की सरकारों ने संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का उपहार दिया है उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजट सत्र मे अपना वादा पूरा करे । वही संगठन के कर्मचारियों से नियमितीकरण मे आने वाले खर्चे संबंधित प्रश्न पर संघ के सदस्यों ने कहा की सरकार बनने के पूर्व कांग्रेस पार्टी के पास नियमितीकरण हेतु आने वाले बजट का पूरा आकलन था लेकिन अभी सिर्फ जानकारी मंगाने के नाम पर नियमितीकरण मे विलम्ब किया जा रहा है । और सरकार के द्वारा त्वरित निर्णय नहीं लेने की स्थिति मे अनिश्चिकालीन आंदोलन की रुपरेखा भी तैयार की जा रही है । उक्त जानकारी संजय सोनी ने दी ।

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