छत्तीसगढ़

सरकार की सख्ती से बची आदिवासियों की मेहनत की कमाई : विनायक गोयल

जगदलपुर । तेंदूपत्ता बोनस वितरण को लेकर उठे विवाद पर विधायक विनायक गोयल ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए सरकार की तत्परता और पारदर्शिता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाना आसान है, लेकिन तथ्यों की जांच करना जरूरी होता है।विधायक विनायक गोयल ने कहा कि कांग्रेस नेता चरणदास महंत द्वारा लगाए गए 8 करोड़ के गबन के आरोपों की जांच खुद सरकार के निर्देश पर की जा रही है, और पहली बार ऐसा हुआ कि गड़बड़ी सामने आते ही जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हुई। वनमंडलाधिकारी सुकमा को निलंबित कर गिरफ्तार किया गया, 11 समितियों के प्रबंधकों को कार्य से हटाया गया और संचालन मंडल भंग किया गया। यह सब सरकार की इच्छाशक्ति और ईमानदारी का प्रमाण है। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत को सच्चाई हज़म नहीं हो रही, सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की होती, तो ये मामला दबा रह जाता। लेकिन हमारी सरकार ने न केवल भ्रष्टाचार को उजागर किया, बल्कि दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में कड़े कदम उठाए।उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से कुछ संग्राहकों के बैंक खाते उपलब्ध नहीं होने के कारण नगद वितरण की अनुमति शासन से ली गई थी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर मेहनतकश संग्राहक को उसका हक मिले।गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन समितियों में वितरण नहीं हुआ है, उनकी भी जांच जारी है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।यह कांग्रेस की विफलता है कि वह खुद अपने कार्यकाल में ऐसा सिस्टम नहीं बना सकी जिसमें आदिवासियों को समय पर और पारदर्शी तरीके से लाभ मिल सके। भाजपा सरकार ने उस खामी को सुधारते हुए न केवल जवाबदेही तय की है, बल्कि सिस्टम को भी मजबूत किया है।

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