छत्तीसगढ़

सिविल अस्पताल के लिए भवन स्वीकृत नहीं, विशेषज्ञ डॉक्टरों की है कमी भी

देवभोग । राज्य की भूपेश सरकार ने चार साल पहले देवभोग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन कर उसे सिविल अस्पताल का दजऱ्ा तो दे दिया। लेकिन अभी भी सिविल अस्पताल की तरह सुविधा देवभोग क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा हैज् यहां बताना लाजमी होगा कि देवभोग के सिविल अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, विशेषज्ञ मेडिकल, शिशु रोग विशेषज्ञ, विशेषज्ञ निश्चेतना के पद अभी भी रिक्त पड़े है। इन पदों पर लम्बे समय से विशेषज्ञ की भर्ती नहीं हो पाई है। जानकारी के मुताबिक सिविल अस्पताल में कुल कर्मचारियों के 150 पद स्वीकृत है। जिसमें से 73 पर कर्मचारी कार्यरत है। जबकि अभी भी 77 पद रिक्त है।
नामभर का सिविल अस्पताल : राज्य सरकार ने देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन कर उसे सिविल अस्पताल का दजऱ्ा दिया। वहीं कांग्रेस सरकार में देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन होना बड़ी बात थीज् लोगों को उम्मीद भी थी कि ज़ब सरकार ने सिविल अस्पताल का दजऱ्ा दिया है। तो जरूरी सुविधाएं भी जल्द ही मिलेगी। वहीं आमजनों के दावों के विपरीत आज भी स्थिति बनी हुई है। सिविल अस्पताल के लिए आज तक भवन स्वीकृत नहीं हो पाया हैज् यहां बताना लाजमी होगा कि सिविल अस्पताल के घोषणा के बाद देवभोग में 50 बिस्तर वाला अस्पताल बनने का काम अभी हाल ही में शुरू किया गया है। यहां बताना लाजमी होगा भवन की कमी के चलते अभी 20 बिस्तर वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिविल अस्पताल का संचालन किया जा रहा हैज्
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल: कहने को तो देवभोग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 2018 में सिविल अस्पताल के रूप में उन्नयन किया जा चुका है। लेकिन सुविधाएं आज भी ना के बराबर है, अस्पताल में विशेषयज्ञ डॉक्टरों की कमी है। हालांकि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यहां अब तक 9 डॉक्टर आये। जिसमें से 2 डॉक्टरों ने अपना ब्रॉन्ड पूरा भी कर लिया। और वे वापस भी चले गए। जबकि अभी मात्र 3 रेगुलर डॉक्टर यहां पदस्थ है। वहीं 1 एनएचएम और 4 ब्रॉन्ड वाले डॉक्टरों की अभी पोस्टिंग है। जल्द ही ब्रांड वाले डॉक्टर अपना अनुबंध पूरा कर लौटने वाले है। ऐसे में यहां सिर्फ 3 डॉक्टरों के कंधे पर ब्लॉक के सवा लाख लोगों के इलाज की जिम्मेदारी आ जायेगी।
गंभीर मामलों में आज भी करना पड़ता है रेफर: 2018 में 20 बिस्तर वाला देवभोग अस्पताल को उन्नयन कर सिविल अस्पताल का दजऱ्ा दिया गया। वहीं दजऱ्ा देने के बाद भी सिविल अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं से आमजन आज भी वंचित है। सवा लाख से ज्यादा आबादी वाले इस ब्लॉक में स्वास्थ्य सुविधा का अभाव है। सामान्य जाँच, परीक्षण व दवा उपलब्ध हो जाती है। लेकिन गंभीर मामलों में अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर साबित होता है। वहीं रेफर करने के बाद देवभोग से जिला मुख्यालय की दूरी ज्यादा होने के कारण जरूरतमंदों को पड़ोसी राज्य ओडि़सा पर निर्भर होना पड़ता है।

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