छत्तीसगढ़

सिरपुर में प्राकृतिक संसाधनों को बचाने लोगों ने किया जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन

महासमुंद । छत्तीसगढ़ महिला किसान मंच की सदस्य हेमलता ने जानकारी दी कि महासमुंद जिला के 875 सदस्यों ने एक मंच में आकर जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान समय में जिस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल, जंगल, जमीन का स्तर घट रहा है ना कि बढ़ रहा है । इस प्रमुख विषय पर विचार करना योजना बनाना शामिल है ।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय विनोद सेवनलाल चंद्राकर जी संसदीय सचिव छ.ग. शासन एवं विधायक जी द्वारा छ.ग. शासन द्वारा प्राकृतिक संसाधनों को बचो और बढ़ाने के लिये गोधन न्याय योजना में गोठान और रीपा जैसे महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा, घुरुवा बारी को शामिल कर महिलाओं को भी आर्थिक रुप से सशक्त किया जा रहा है । उसी प्रकार छत्तीसगढ़ में वन उत्पाद, महुा, चार, तेंदुपत्ता के साथ अन्य उत्पाद का भी बाकी राज्य से बेहतरीन और सम्मानजनक राशि समर्थन मूल्य दिया जा रहा है । इसलिये हमें मिलकर इसे बचाने बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सबकी है । इसे हम कैसे बचाया जायें और कैसे बढ़ता जाये ? साथ सभी महिलाओं को बिहान योजना में जुडकऱ सशक्त होने की अपील किया गया । साथ ही संगठन की शक्ति को बनाकर रखने की बात कही गयी ।
दूसरे वक्ता सुश्री शिल्पा सारा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 और सामुदायिक वन प्रबंधन योजना के क्रियान्वयन हेतु ग्रामसभा को क्रियाशील होना उसका क्रियान्वयन पर बात रखा गया साथ ही अधिनियम से संबंधित पुस्तक का वितरण कर वन अधिकार अधिनियम से संबंधित समस्या पर पूर्ण सहयोग करने का विश्वास दिलाया ।अगले वक्ता के रुप में जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल जी द्वारा सभी को अपने योजना क्रियान्वयन संबंधित सहयोग पूर्ण रुप से करने की बात की गयी । जनपद सदस्य, निधि लोकेश चंद्राकर जी द्वारा आज महिला प्रत्येक क्षेत्र में महिला अपनी भूमिका निभा रही है वह घर संचालन भी बहुत समझदारी के साथ आज वो सर्वोच्च पद पर है । इसलिये इसे अच्छे से ऐसे उदाहरण को समाज में बताना है और बढ़ाना है । सामाजिक कार्यकर्ता तारिणी चंद्राकर जी द्वारा महिला और जेंडर समानता विषय को लेकर विचार प्रस्तुत किया गया कि पुरुष प्रधान समाज पहले महिलाओं को इसलिये बाहर जाने नहीं देता था, क्योंकि उनका सोच था कि महिला बाहर जायेंगी तो वह बाहर की दुनिया से सीख लेगी तो वह बात नहीं मानेंगी । लेकिन अब यह समय है कि महिला और पुरुष कंधा से कंधा मिलाकर चल रहे हैं । उसी प्रकार सरकार भी कई योजना कानून महिला के पक्ष में लाई जिसका हमें ज्यादा से ज्यादा फायदा हमें लेना है ।जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष गुरमीत सिंह चावला और बंजारे जी द्वारा जिला सहकारी संघ के महत्व पर प्रकाश डाला गया ।
कि महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु सहकारी समितियां एक सशक्त माध्यम है जिसके माध्यम से हम कई प्रकार के व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं । और आत्मनिर्भर के साथ कई लोगों को काम दे सकते हैं ।कार्यक्रम में अंतिम वक्ता के रुप में गुंज छ.ग. के संस्था प्रमुख श्री प्रहलाद पटेल जी द्वारा प्राकृतिक संसाधनों को सिर्फ जन ही बचा और बढ़ा सकता है, जिसके महत्व को समझते हुये स्वयं आगे आना है । हमें क्या मिलेगा ऐसा शब्द को छोडकऱ अनमोल धरोहर को बचाने आगे आना है। क्योंकि इसी पर पुरी दुनिया टिकी है ।इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक छ.ग. महिला किसान मंच, वन अधिकार / सामुदायिक वन प्रबंधन समिति प्रेरक समिति महासमुंद, श्रीजन कल्याण समाज सेवी संस्था के सदस्य और सभी मंच से पुन्नी बाई ध्रुव, देवकुंवर साहू, रोशनी निषाद, सीता बाई यादव, ललित धीवर, ज्ञानसिंह ध्रुव, अनुसुईया साहू, अर्चना राजपूत, ओम ध्रुव, जानता बाई खैरवार, बुधवंतीन निषाद, हीरा निषाद, मोहन निर्मलकर, सत्यवान ध्रुव, विष्णु ध्रुव, सेवती यादव, कल्याणी ध्रुव के साथ मंच सक्रिय साथी अजय ध्रुव, डिगेश्वरी, विष्णुप्रिया, हीना साहू, किशन साहू का सराहनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम में उपस्थिति अतिथियों को प्रतीक चिन्हा देकर सम्मानित किया गया और जिलास्तरीय सम्मेलन में जय मां मौली सुआ पार्टी द्वारा मन मनोहन कार्यक्रम की प्रस्तुत दी गई और इसी के साथ धन्यवाद समापन की घोषणा संकल्प के साथ की गई कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और बढ़ाने का कार्य किया जायेगा ।
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