छत्तीसगढ़

छग पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने भी फुटपाथ पर बेरिकेटिंग का किया वि

रोध
दंतेवाड़ा । पाथ-वे पर पुराना धर्मशाला से लेकर रेस्ट हाउस तक 18 लाख रूपए खर्च कर की जा रही लोहे की स्थाई बेरिकेटिंग का मुद्दा अब पूरी तरह से विवादों में आ गया है। मंदिर के प्रधान पुजारी समेत विभिन्न समाज संघठनों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा है। बावजूद रेलिंग लगाने का काम तीव्र गति से चल रहा है। विरोध के इस कड़ी में अब पिछड़़ा वर्ग कल्याण संघ ने भी अपना नाम दर्ज करवा लिया है। छ0ग0पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के पदाधिकारियों द्वारा मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंच जिलाअधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा गया और पाथवे पर की जा रही बेरिकेटिंग के कार्य पर रोक लगाने की मांग की गई। संघ के जिला अध्यक्ष गणेश यादव ने कहा कि रेलिंग लगाने से रेहड़ी पटरी पर बैठकर व्यापार करने वाले ग्रामीण प्रभावित होंगे इससे मेले के दौरान रौनक भी घटेगी लिहाजा आमजन की भावना को मददनजर रखते हुए रेलिंग के कार्य को रोक देना ही सभी के हित में बेहतर होगा। ज्ञापन सौंपने उपरांत पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के अध्यक्ष गणेश यात्रा ने कहा कि प्रशासन द्वारा धर्मशाला से लेकर रेस्ट हाउस तक 500 मीटर तक मुख्य मार्ग से सटे सीमेंट की बनी पाथ वे पर फिनिशिंग के नाम पर लोहे की रेलिंग लगाकर घेराबंदी की जा रही है हम इसका विरोध करते हैं। यह किसी भी तरह से लोगों के हित में नहीं है। तीज त्यौहारों एवं मेला मंडई में उक्त स्थल पर गांव देहात से छोटे ग्रामीण व्यापारी फूल माला, दिया, लाई, चना, साग फल इत्यादि विक्रय करने आते हैं इसी जगह पर बैठकर वे अपनी रोजी रोटी कमाते हैं। ऐसे में पाथ वे की घेराबंदी करने से छोटे व्यावसायियों पर असर पड़ेगा। उनकी रोजी रोटी का सवाल है लिहाजा पि0वर्ग कल्याण संघ इस कार्य का विरोध करता है इसलिए हमने संघ की ओर से रेलिंग लगाने के कार्य का विरोध किया है। हमारी मांग है कि स्थानिय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य लोगों, मंदिर से जुडुे सदस्यों, मांझी, चालकी, पुजारी आदि लोगों के साथ बैठककर उनकी भी राय सलाह सुनने के बाद इस कार्य को किया जाता तो अच्छा होता। प्रशासन मनमानी पर उतर आया है यह सही नहीं है। एक तरह से आदिवासी परंपरा को खत्म करने की कोशिश हो रही है मेला मंडई आदिवासियों की संस्कृति का एक अहम हिस्सा है इस पर कुठाराघात कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नगर में पूरे मेला मंडई स्थल को घेरा जा रहा है। बेरिकेटिंग के कार्य को रोका नहीं गया तो आगामी दिनों में हमारा संघ आंदोलन को भी हम बाध्य होगा जिसकी पूरी जवाबदेही प्रशासन की होगी।

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