खाद्य अधिकारी व डीएमओ की लापरवाही के चलते अरनपुर केंद्र में असुरक्षित पड़ा है स्टॉक
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दंतेवाड़ा । अन्नदाता किसानों की मेहनत से उपजाए गए धान को खरीदने में राज्य सरकार आम जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई से लिया गया टैक्स खर्च करती है, लेकिन अफसर इस धान को सुरक्षित करने में कितनी लापरवाही बरतते हैं, इसका अंदाजा दंतेवाड़ा जिले के अंतिम छोर पर स्थित अरनपुर के धान खरीदी केंद्र की स्थिति से लगाया जा सकता है। यहां 15 हजार क्विंटल धान 30 फरवरी तक खरीदा जा चुका है, लेकिन खरीदे गए धान के एक भी बोरे का उठाव केंद्र से नहीं हो सका है, जबकि धान खरीदी सीजन समाप्त हुए लगभग एक माह होने को हैं। खरीदा गए धान की मात्रा इतनी ज्यादा है कि धान खरीदी केंद्र के परिसर से लेकर बाजू वाले बालक आश्रम भवन तक धान के बोरे 100 मीटर की दूरी तक ठसाठस रखे हुए हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि धान के भंडारण के लिए तय मानकों की खुले तौर पर अनदेखी की गई है। नीचे भूसे की पर्याप्त बोरियां रखने की बजाय सीधे ही धान के ढेर रखे गए हैं। इन बोरों को नियमानुसार छल्ली लगाने की बजाय इधर-उधर फेंका गया है। जिससे अचानक बारिश होने की स्थिति में ढंक पाना भी संभव नहीं होगा। कैप कवर सिर्फ एक हिस्से के लिए ही ढंका जा सकता है। मौसम विभाग ने हाल ही में बस्तर में बारिश होने का अलर्ट भी जारी किया हुआ है, इसके बावजूद संबंधित अफसर नहीं जागे हैं।