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छत्तीसगढ़

धनोरा में शतचंडी यज्ञ एवं श्रीराम कथा का समापन

उतई । बाबा दरबार पवन धाम धनोरा में चल रहे हैं शतचंडी यज्ञ एवं श्री राम कथा का समापन माघी पुन्नी मेला के दिन शाम 6:00 बजे किया गया दरबार के श्री लक्ष्मण बाबा जी ने बताया कि महावीर उद्यान में समस्त ग्रामवासी एवं भक्तगण के विशेष सहयोग से चल रहे यज्ञ का समापन पंडित दीपक पांडे जी ने विधि विधान के साथ की महाराज जी ने बताया कि सर्वे भवंतु सुखिना सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित दु:ख भाग भवेत।
लोगों के जन कल्याण के लिए संपूर्ण पृथ्वी को अपना परिवार मानने तथा सबके लिए लोक कल्याण की भावना से कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।यज्ञ कुंड में खीर एवं पुरी का विधि विधान के साथ सभी यजमान एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणों द्वारा हवन कुंड में पूर्ण आहुति डालकर समापन किया गया इस यज्ञ के मुख्य यजमान रहे श्री गुलाब साहू श्रीमती सुनीता साहू, मनोज पटेल हितेश पटेल ,ललित साहू मंजू साहू, बाबूलाल साहू प्रमिला साहू, कल्याण देवांगन अंजू देवांगन, मारियल साहू ज्योति साहू, सुखउराम, बुधकुंवर, नारायण, योगेश साहू देव श्री साहू, आदि की विशेष सहयोग रहा एवं श्री राम कथा के मुख्य यजमान श्रीमान रोशन साहू प्रभा साहू ,राजू यादव ललिता यादव, श्रीमान मनसुखा साहू लक्ष्मी साहू, बाबा दरबार पवन धाम समिति के अंतर्गत पांचवें दिन चित्रकूट से पधारे हनुमंत द्वारा पीठाधीश्वर रामानंदचार्य धीरेंद्रचार्य जी महाराज ने भारत मिलाप का सुंदर वृत्तांत सुनाया राम भरत मिलन की कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे और श्रोताओं की आंखें नम हो गई कथा वाचक धीरेंद्रचार्य जी महाराज ने कहा भारत चले चित्रकूट हो रहा राम राम को माननी सियाराम को मनाने उन्होंने बताया कि प्रभु श्री राम से मिलने को रतन व्याकुल हो उठते हैं उनके रातों की नींद वह दिन का चैन छिन गया था आंखों से अक्षु धारा निकल रही थी कब बड़े भाई श्री राम के दर्शन हो एक-एक पल उनके लिए वर्ष समान बीत रहा था भारत की जब चित्रकूट के निकट पहुंचते हैं तथा आश्रम में प्रवेश करते अपने जैसे ही बड़े भाई श्री राम को देखते हैं तो मानो उनका सारा दुख और कष्ट मिट गया उन्होंने कहा कि भगवान राम का वनवास का रूप कमर में मुनिया का वस्त्र बंधी है और इस में तरकस कसे हैं हाथ में बाण और कंधे पर धनुष है इसके बाद भारत मिलाप होता है तथा श्री राम अपने अनुज भरत को अपनी बाहों में भर लेते हैं मानो भारत के सीने पर चल रहे बाण शांत हो गए हैं राम भरत का मिलाप देख कर देवता श्री नतमस्तक होते हुए फूलों की वर्षा करने लगे वही दोनों भाइयों के अटूट प्रेम को देख वहां के पत्थर तक पिघल गए कथा व्यास पीठ से महाराज जी ने बताया कि भाइयों का ऐसा प्यार संसार में कहीं देखने को नहीं मिलता श्रद्धालु श्री राम कथा सुन भाव विभोर हो गए तथा कथा पंडाल में सभी भक्तों ने मिलकर महाराज जी को श्रीफल भेंट कर आशु परित विदाई कर कथा का समापन किया गया एवं श्री राधा कृष्ण मंदिर समिति के द्वारा मंदिर प्रांगण के पास भंडारा का आयोजन किया गया जिसमें भगवान श्री राधा कृष्ण के दर्शन करके भंडारा भोग प्रसाद ग्रहण किया गया इस आयोजन समिति के मुख्य रूप से दरबार के श्री लक्ष्मण बाबा जी विनोद साहू सुखी राम साहू रूपलाल चंद्रकांत देवांगन राजू देवांगन चंद्रकांत कोसरे कुंज लाल साहू शिवचरण साहू आदि ।

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