छत्तीसगढ़

आदिवासी उप योजना की शत् प्रतिशत राशि का उपयोग आदिवासियों के शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा में हो :जग्गूराम

बीजापुर । भूमकाल के वीर शहीदों को याद करते हुए जल जंगल जमीन और संस्कृति के रक्षा का संकल्प लेते हुए आम सभा कर रैली निकाली गई और राज्यपाल के नाम एसडीएम विकास सर्वे को ज्ञापन सौंपा गया।सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी ने बताया कि आदिवासियो ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भूमकाल आंदोलन की शुरुआत की थी। यह आंदोलन बस्तर के वीर आदिवासी नायकों के बलिदान को लेकर याद किया जाता है, जिन्होंने आजादी और अपने जल, जंगल, जमीन की लड़ाई के लिए अंग्रेजों के गोला बारूद का सामना तीर धनुष और अपने पारंपरिक हथियारों से किया था।जग्गूराम तेलामी ने बताया कि बस्तर के वीर स्वतंत्रता संग्राम में महानायकों के सम्मान में भैरमगढ़ नगर में भूमकाल दिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। आम सभा को सर्व पिछड़ावर्ग समाज,
सर्व आदिवासी समाज पदाधिकारियों ने संबोधित किया वहीं बच्चों और युवाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। रैली सभा स्थल से निकल कर भैरमगढ़ नगर के पुराने बस स्टैंड से लौट कर एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया।इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के ब्लाक अध्यक्ष सीताराम मांझी, भाव सिंह भास्कर, रामलाल यादव, सुनील सोनी, बना फरसा, विनिता बघेल, सुहागा तारम, रानू सोरी, अनुरंजन मिंज, अमित कोरसा, कमलेश पैंकरा, सुशील हेमला, श्रवण सैंड्रा, बुधराम गावड़े सहित अन्य सामाजिक पदाधिकारी मौजूद थे।
यह थी मांगें-टीएसपी आदिवासी उप योजना में आंबटित राशि का शत् प्रतिशत राशि आदिवासियों के शिक्षा स्वास्थ्य सेवा में ही उपयोग करते हुए अन्य मद में उपयोग पर रोक लगाई जाए। प्राथमिक विद्यालय में प्रारम्भिक शिक्षा गोंडी, हल्बी, भतरी, दोरला, ध्रुवी बोली भाषा में शिक्षा सुलभ करें ताकि हम अपने मातृ भाषा, संस्कृति का सरंक्षण कर सकें। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में स्थानीय आरक्षण लागू किया जाए। शासकीय नौकरी में बैकलाग एवं नई भर्ती में आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए। आदिवासी सलाहकार परिषद का गठन नियमानुसार किया जाए। पांचवी अनुसूची क्षेत्र का कड़ाई से पालन करते हुए पेशा कानून के तहत् ग्राम सभा के सर्वोच्चता की अवहेलना बंद हो। बीजापुर जिले में विकास और सड़कों के विस्तार के नाम पर बहुमूल्य वन, पहाड़, नदी – नाले सम्पदा को नष्ट कर बड़े निजी उद्योगपति को सौंपने पर रोक लगाई जाए। स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए ग्रामीण इलाकों में नियमित चिकित्सक और कर्मियों की भर्ती की जाए। संविदा के नाम पर स्थानीय युवाओं से 2-3 साल काम लेने के बाद उन्हें हटा कर दूसरे जिले के लोगों की भर्ती की गई उसे निरस्त करें। उसूर – भोपालपटनम में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना की जाए। गलत तरीके से दिए गए वनाधिकार पट्टा निरस्त किया जाए।लगातार क्षेत्र में हो रही नक्सल घटनाओं की न्यायिक जांच कराते हुए घटना में बरामद सामग्रियों की संख्या सार्वजनिक किया जाए। नक्सल उन्मूलन के नाम पर निर्दोष लोगों को जेल भेजना बंद करो।अनुसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासी महिला से शादी कर उनसे आरक्षित सीटों पर चुनाव लडऩें पर रोक लगाई जाए।

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