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छत्तीसगढ़

पंचमी पर मां दंतेश्वरी के भक्तों की ऐतिहासिक भीड़

दंतेवाडा । शारदीय नवरात्र की पंचमी पर आज तो आस्था का सैलाब ही उमड़ पड़ा। अल सुबह मंदिर का पट खुलते ही दर्शनाथियों की भीड इस कदर उमड़ी कि देखने वाले भी दंग रह गए। जैसे जैसे दिन चढ़ता गया दर्शनार्थियों की भीड़ और भी ज्यादा बढ़ती चली गई। दर्शनार्थियों की कतारें कई लाइनों में लगी रही। देखते ही देखते मंदिर के प्रवेश द्वार से एक ओर डंकनी पुल तक तो दूसरी ओर नारायण मंदिर तक भक्तों की लंबी लंबी कई लाइनों की कतारें पहुुंच गई थी। नवरात्र में दर्शनार्थियों की भीड़ का ऐसा नजारा आज से पहले कभी नहीं देखा गया था। पंचमी पर आज भीड़ की पिछली सारी रिकार्ड टूट गई । हालांकि श्रद्धालुओं की भीड़ नवरात्र के दूसरे दिन से ही लगनी शुरू हो गई थी वहीं चौथे दिन व पंचमी पर सबसे ज्यादा भीड़ रही। मंदिर परिसर से लेकर जयस्तंभ चौक, गायत्री मंदिर चौक तक की पूरी सड़कें भक्तों से अटी पड़ी रही। मंदिर समिति, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के इंतजामात भी धरे के धरे रह गए आस्था के सैलाब के आगे। भीड् बेकाबू होने से अव्यवस्था गडबड़ाई श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। ईधर श्रद्धालुओं का जत्था आज भी सुबह से सैकडों की संख्या में लगातार दंतेवाड़ा पहुंच रहा है। आश्विन शुक्ल पक्ष के पंचमी के खास मौके पर आज दंतेश्वरी मंदिर में देवी की पांचवी रूप स्कंदमाता रूप की विशेष पूजा हुई। सुबह मंदिर का पट खुलते ही सबसे पहले माता की आरती की गई जिसके बाद भक्तों को दर्शन के लिए अंदर जाने की अनुमति दी गई। दर्शनार्थियों की भीड़ चतुर्थी की रात से ही लगनी शुरू हो गई थी। दर्शनार्थी आधी रात 2 बजे से ही कतारों में लगने शुरू हो गए थे। सुबह जयस्तंभ चौक से लेकर मंदिर के सामने स्थित सिंहद्वार तक 6 से ज्यादा कतारों में दर्शनार्थी अपनी बारी का इंतजार करते रहे। एक अनुमान के मुताबिक आज पंचमी पर करीब डेढ़ लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे थे। मंदिर कमेटी को एवं जिला प्रशासन को यह अंदाजा नहीं था कि पंचमी पर इतनी ज्यादा भीड़ उमडेगी और उन्हें सम्हालने में भारी दिक्कत आएगी। बेकाबू भीड़ के चलते मंदिर परिसर में सेवा दे रहे सेवादल, एवं पुलिस के जवानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसी बीच कई वीआईपी भी दर्शन के लिए पहुंच रहे थे उन्हें भी देखना था लिहाजा डयूटी में तैनात पुलिसकर्मीयों को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। धूप में घंटों खड़े कई भक्त चक्कर आने से गिर रहे थे तो बहुत से महिला भक्तों को माता आ रही थी और वे चिल्ला चिल्लाकर जमीन पर गिर पड़ती थीं और सिर पटकने लगती थीं जिन्हें उठाकर किसी तरह मंदिर तक पहुंचाया जा रहा था। कई ऐसे भी भक्त दिखाई पड़े जो माता से मन्नत पूरी होने पर घुटनों के बल दर्शन के लिए पहुंच रहे थे तो कोई मन्नत मांगने के लिए हाथों में जलता दिया लेकर तो कोई लुढकते हुए माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच रहा था। पंचमी पर भक्तों की सैलाब का ऐसा नजारा आज से पहले कभी नही देखा गया था। पूरा शक्तिपीठ माता के जयकारे, जय माता दी शेरोवाली से गूंजायमान हो उठा था। हर ओर भक्ति का सैलाब ही सैलाब दिखाई पड़ रहा था। गीदम से लेकर दंतेवाड़ा 12 किमी तक सड़क पूरी तरह से पदयात्रियों से भर गया था। भीड इस कदर बढी कि जगह जगह बने पदयात्री सुविधा केंद्र में भी जगह कम पड़ गए। आलम यह था कि दंतेवाड़ा पहुंचने वाले पदयात्री बीती रात सड़क किनारे, तालाब के गार्डन में, शमशान घाट व नदी घाट में सोकर अपनी रात गुजारे। नगर के सारे धर्मशाला, पदयात्री सुविधा केंद्र, लॉज, रैन बसेरा सभी पहले ही हाउसफूल हो चुके थेमंदिर परिसर में नहीं थी प्रसाद की व्यवस्था, भक्त भूख से होते रहे निढाल- पंचमी पर लाखों की संख्या में दर्शनार्थी माता के दर्शन पूजन के लिए दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे थे। घंटों कतार में धूप में खडे होकर भक्त अपनी बारी का इंतजार करते रहे। कई कई घंटों की तप के बाद भक्तों को माता के मंदिर के भीतर पहुंचने तथा माता के एक झलक देखने का सौभाग्य मिला। जो भक्त माता के दर्शन कर मंदिर से वापस निकल रहे थे वे भूख प्यास से निढाल हुए जा रहे थे। मंदिर परिसर के भीतर न तो पीने का साफ पानी ही कोई उपलब्ध करा रहा था ना ही परिसर में एक भी प्रसाद की व्यवस्था संबंधी स्टॉल व टेंट लगा था। सुबह 11 बजे तक प्रसाद की कोई व्यवस्था नहीं रही। भक्त घंटों लाइनों में खडे रहकर माता के दर्शन कर रहे थे लेकिन उन्हें प्रसादी भोजन एवं पानी तक के लिए कोई पूछ नहीं रहा था। इतने विख्यात शक्तिपीठ दंतेश्वरी मंदिर में आने वाले भक्तों में इस बात की नाराजगी थी कि उनके लिए माता के दरबार में भोजन प्रसादी एवं एवं पानी की व्यवस्था भी ढंग से नहीं की गई थी। पंचमी पर पटसार पहुंची मांईजी की डोली को- शारदीय नवरात्र की पंचमी पर भैरवबाबा से अनुमति मिलने के बाद बस्तर दशहरा में शामिल होने मांई दंतेश्वरी की डोली अपना स्थान छोड़ पटसार पहुंची। मांई दंतेश्वरी की डोली व छत्र को पुजारियों द्वारा सुबह विशेष पूजा अर्चना के बाद चंदन घीसकर कपडे से बनी मूर्ति को डोली में विराजा गया तत्पश्चात डोली को मंदिर के गर्भगृह से निकालकर पटसार अर्थात मंदिर के प्रथम कक्ष में लाकर रखा गया। यह रस्म हर वर्ष पंचमी पर निभाई जाती है। तीसरे दिन अष्टमी तिथि को मांईजी की डोली बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए रवाना होती है। डोली को मंदिर के सिंहद्वार पर पुलिस के जवान परंपरानुसार हर्ष फायर कर सलामी देते हैं जिसके बाद डोली को मंदिर से लेकर डंकनी नदी पुल के उस पार स्थित माता चबूतरा तक पहुंचाया जाता है जहां पर फूलों से सुसज्जित वाहन में डोली को रखा जाता है । यहीं से डोली बस्तर दशहरा एवं मावली परघाव रस्म में शामिल के लिए निकलती है। दशहरा के विभिन्न रस्मों में शामिल होने के बाद परंपरानुसार डोली 9वें दिन वापस अपने धाम लौटती है।
बस्तर दशहरा का न्यौता देने पहुंचा राजपरिवार – बस्तर दशहरा के मावली परघाव रस्म में तथा बस्तर दशहरा के अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने हर वर्ष बस्तर राजपरिवार के सदस्य नवरात्र के पंचमी पर दंतेवाड़ा दंतेश्वरी मंदिर पहुंच मांईजी को न्यौता देने आते हैं। इसी क्रम में आज नवरात्र के पंचमी पर दोपहर 12 बजे जगदलपुर से राजपरिवार के सदस्य दंतेश्वरी मंदिर पहुंचा जहां सेवादारों द्वारा राजशाही पपंपरानुसार राजपरिवार का स्वागत किया गया जिसके बाद राज परिवार के कमलचंद भंजदेव समेत अन्य सदस्य दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे जहां माता की पूजा अर्चना की। तत्पश्चात अपनी आराध्य देवी माता दंतेश्वरी को पितांबरी वस्त्र से तैयार की गई विनय पत्रिका मंदिर के मुख्य पुजारी जिया बाबा को भेंट कर मांईजी, भैरम बाबा एवं बस्तर की समस्त प्रजा को बस्तर दशहरा में आने का न्यौता दिया। तदोपरांत राजपरिवार मंदिर के बाहर आया जहां विधिवत उनका स्वागत कर उन्हें सलामी दी गई। इस दौरान राजपरिवार के सदस्यों को एक झलक देखने लोग ललायित रहे। इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ राजपरिवार को देखने मंदिर परिसर में एकत्र हुई थी।
हाईस्कूल मैदान को बनाई गई पार्किग -श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को देखते हुए मंदिर कमेटी ने बाहर से दुपहिया एवं चार पहिया में आने वाले भक्तों के वाहन पार्किग के लिए हाईस्कूल मैदान स्थल को पार्किग स्थल बनाया है। बड़े वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था हाईस्कूल मैदान एवं बाईक की पार्किग की व्यवस्था शनि मंदिर के बाजू वाली जगह एवं कोआपरेटिव बैंक के पीछे खाली पड़ी जगह एवं हॉटल देवभोग के साईड में खाली पडी भूमि पर की गई है। वहीं संपूर्ण नवरात्र के दौरान वाहनों का आवागमन नगर के मुख्य मार्ग से न होकर फारेस्ट नाका, जिला अस्पताल से होते हुए स्टेट बैंक चौक में डाईवर्ट किया गया है। बसों को बाईपास मार्ग से निकाला जा रहा है।

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