भर्ती में हेराफेरी, कोर्ट के लिपिक व भृत्य समेत ५ गिरफ्तार
दंतेवाड़ा । जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा में रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी कर उत्तर पुस्तिकाएं बदलने के आरोप में पुलिस ने न्यायालय में ही पदस्थ लिपिक पूरनचंद यादव व भृत्य गणेश मरकाम समेत ५ उम्मीदवारो को गिरफ्तार कर सोमवार ३० सितंबर को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बचेली की अदालत में पेश किए किया गया गया जहां से सभी आरोपियों को १४ दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। दंतेवाड़ा टीआई विजय पटेल ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय में स्टेनोग्राफर व सहायक ग्रेड ३ के कुल ५ पदों की भर्ती के लिए २५ अगस्त को लिखित परीक्षा हुई थी। इसके बाद मेरिट लिस्ट के आधार पर १४ सितंबर को कौशल परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा सम्पन्न होने के बाद स्ट्रांग रूम में रखी गई उत्तरपुस्तिकाओं के बदले जाने का संदेह हुआ। इसकी शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की थी। सीसीटीवी फुटेज से मिले क्लू के आधार पर आरोपियों से पूछताछ की गई। इस पर लिपिक पूरनचंद्र यादव व भृत्य गणेश मरकाम की संलिप्तता उजागर हुई, जिन्होंने लाइट्स और सीसीटीवी कैमरे बंद कर इस घटना को अंजाम दिया था। पूछताछ में एक-एक अभ्यर्थी से ५-५ लाख रुपए में सौदा होने और कुछ रुपए एडवांस में लेने का खुलासा हुआ। आरोपियों के पास से १ लाख २८ हजार रुपए नगद बरामद किए गए हैं। आरोपी लिपिक व भृत्य के अलावा २ महिला व एक पुरुष अभ्यर्थी को भी मामले में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में बीएनएस की धारा ६१, ३१८, ३३४, ३३३, ३३८ व ३४० के तहत जुर्म पंजीबद्ध किया गया है। न्यायालय में लिपिक भर्ती परीक्षा में लेनदेन का मामला सामने आने पर हड़कंप मचा हुआ है। लोग भी हैरान हैं की न्यायालय जैसे जगह पर इस तरह की धांधली कैसे किया जा सकता है। आम जनता का सबसे ज्यादा भरोसा जिस संस्था पर होता है वह न्यायालय ही होता है। बहरहाल समय से पूर्व मामले का खुलासा हो जाने से षड्यंत्रों लिप्त सभी आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। यह एक सकारात्मक तथा सुकून देने वाली बात बेरोजगार युवा पीढ़ी के लिए अवश्य होगी। इस तरह से कूट रचना कर, शॉट कट तरीके अपनाकर दूसरे का हक मारकर नौकरी हथियाने वालो के विरुद्ध इसी तरह की करवाई होनी चाहिए। दंतेवाड़ा पुलिस ने समय रहते तत्परता दिखाते सभी आरोपियों को पकड़ा और उन्हें उनके सही जगह पहुंचाया इसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।