बिना टेंडर,कार्यादेश व नियमों विपरीत लगा दिये सोलर लाइट
चारामा । नगर पंचायत चारामा के सदर बाजार में डामरीकृत सड़क के किनारे लगाए गये सोलर लाईट इन दिनों काफी चर्चा में है। हॉलाकि ये सोलर लाईटें नगर के सदर लाईन में ही कुछ दुरी तक ही लगायी गई है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इन लाईटों को लगाने के लिए नगरीय निकाय से अब तक विधिवत तरीके से कोई टेंडर ही जारी नही हुआ है और न ही किसी ठेकेदार को इस कार्य के लिए कोई कार्यादेश प्राप्त हुआ है। जबकि नगरीय निकाय में किसी भी निर्माण कार्य के लिए बकायदा टेंडर निकाल कर ठेकेदारों से निर्माण कार्य कराये जाने का प्रावधान है। लेकिन चारामा नगर पंचायत में तो सब कुछ चलता है वाली कहानी ही दिखाई पड रही है। चूंकि टेंडर में निर्माण कार्य करने संबंधी नियम व शर्ते लगायी जाती है अब जब बिना टेंडर एवं कार्यादेश के सोलर लाईट लगायी गयी है तब इसके गुणवत्ता एवं बाकी मापदण्डों को कैसे तय किया गया है कि किस प्रकार की लाईट लगाना है क्या गुणवत्ता होगी, उसका मापदण्ड क्या होगा। इस प्रकार से लगाये गये सोलर लाईट में ध्यान देने वाली एक और बात है कि प्रत्येक खंभों में नगर पंचायत के अध्यक्ष की फोटो लगी तख्ती लगायी गई है जिसमें लिखा गया है कि अध्यक्ष निधि से प्रदत्त। उक्त तख्ती को देखकर नगर पंचायत की कार्य शैली पर सवाल खडा होता है कि किस प्रकार अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि अपने हितों के लिए सरकारी नियमों को तांक में रखकर आम नागरिकों के हितो के लिए सरकार से प्राप्त राशि की हेराफेरी करते है। जब किसी निर्माण कार्य का मापदण्ड ही तय नही हुआ है तब कैसे बिना मापदण्ड के किसी सरकारी निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा सकता है।
इस संबंध में नगर पंचायत से प्राप्त दस्तावेज के अनुसार नगर के सदर बाजार में डामरीकृत सड़क के किनारे लगाये गये सोलर लाईटों के संबंध में तथा उसमे लगाये अध्यक्ष की फोटों के विषय से संबंधित जानकारी नस्ती कार्यालय नगर पंचायत निकाय में उपलब्ध नही है। वहीं उक्त सोलर लाईटों को बिना किसी मापदंड के लगाये जाने के संबंध में नगर के गणमाण्य नागरिकों एवं बुद्विजीवियों के बीच नाराजगी देखी जा रही है और इस प्रकार के बिना टेंडर एवं नियमों को ताक पर रखकर लगाये गये सोलर लाईट के संबंध में जिले के प्रभारी मंत्री के आगामी कांकेर दौरे के समय उक्त मामले को लेकर शिकायत करने की चर्चा भी हो रही है।