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छत्तीसगढ़

सिक्खों के पांचवे गुरु अर्जन देव के प्रकाश पर्व पर लगा अटूट लंगर

पत्थलगांव । गुरूद्वारा साहेब मे सिक्खो के पांचवे गुरू अर्जन देव का पर्व पर आज अटूट लंगर का आयोजन किया गया। सुबह गुरूद्वारा साहेब मे शबद कीर्तन की धार्मिक गुंज सुनायी दे रही थी,अरदास के पश्चात गुरू के लंगर की शुरूवात हुयी,जिसे चखने ग्रामीण क्षेत्र के लोगो के अलावा सिक्ख समाज एवं अन्य समुदाय के लोग भी बडी संख्या मे मौजुद थे। सिक्ख युवाओ द्वारा बढचढ कर लंगर चखने आये श्रद्धालुओ की सेवा की जा रही थी,प्रसाद रूपी लंगर लेने के लिए लोग कतार लगाकर खडे दिख रहे थे,गुरूसिंग सभा के युवा कार्यक्रर्ता गुरूशरण सिंह भाटिया एवं सभा के सचिव परमजीत सिंह भाटिया ने बताया कि गुरू अर्जन देव ने हमेंशा मानवीय आर्दशो को कायम रखने के लिए अपना बलिदान दिया था,वे एक महान आत्मा के साथ-साथ महान शिरोमणी संत भी थे,सिक्खो के पांचवे गुरू अर्जन देव का जन्म पिता रामदास एवं माता भानीजी के घर हुआ था,वे शुरू से ही निर्मल प्रवृत्ति,सहृदयता तथा धार्मिक मूल्यो के लिए समर्पित रहतेे थे। 1581 मे उन्हे पांचवे गुरू के रूप मे गुरू की गददी पर सुशोभित किया गया था,इस दौरान उन्होने गुरू ग्रंथ साहेब का संपादन किया,जो मानव जाति के लिए सबसे बडी देन है। गुरू सिंग सभा के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह भाटिया व युवा कार्यक्रर्ता गोल्डी भाटिया ने बताया कि गुरू अर्जन सिंह देव हमेंशा धर्म की रक्षा के लिए लडते रहे। वे पूर्वर्ती गुरूओ की वाणी को जगह-जगह से एकत्र कर उसे धार्मिक ग्रंथ मे बांट दिया करते थे,उन्होने अपने स्वयं के द्वारा बनाये गये 30 रागो को गुरूग्रंथ साहेब मे दर्ज किया। गुरूद्वारा साहेब मे पर्व को संपन्न करने मे उपाध्यक्ष मनजीत सिंह भाटिया,सिंदर सिंह भाटिया,कुलविंदर सिंह भाटिया,बबलू भाटिया,सन्नी भाटिया,रूबल भाटिया,रंजीत सहगल,सरगुन भाटिया,हरगुन भाटिया,डॉलर भाटिया के अलावा समस्त सिक्ख समाज ने सराहनीय योगदान दिया।।
तेरा कीआ मिठा लागे हरि नाम पदारथ नानक मांगे-:गुरू अर्जन देव के पर्व पर आज गुरूद्वारा साहेब मे सुबह से ही अनेक धार्मिक आयोजन संपन्न कराये जा रहे थे। गुरूशरण सिंह भाटिया ने बताया कि गुरू अर्जन सिंह देव ने तेरा कीआ मिठा लागे हरि नाम पदारथ नानक मांगे शबद कहते हुये सन् 1606 मे अमर शहीदी प्राप्त की। उन्होने अपने जीवन काल मे धर्म के नाम पर आडंबर और अंधविश्वास पर कडा प्रहार किया,जिसके कारण आध्यात्मिक जगत मे गुरू अर्जन देव को सबसे उंचा स्थान मिला।।

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