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छत्तीसगढ़

मेडिकल कॉलेज में सिटी स्केन और सोनोग्राफी की जांच ठप

रायगढ़। मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन माह से सिटी स्केन और सोनोग्राफी जैसे टेस्ट ठप्प हो गया हैए अब मेडिकल कॉलेज के अलग अलग विभागों के डॉक्टर भी अब जांच कराने के लिए प्राईवेट डायनोस्टिक सेंटर में भेजते है । बड़ी परेशानी इस बात को लेकर हैं कि सिटी स्केन हो जाता है तो रिपोर्टिंग के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की जरुरत होती हैए वह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास डॉक्टर नहीं है। दरअसल 3 माह पहले दो विशेषज्ञ डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में अपने बॉड का समय होने के बाद ओडिशा चले गए। इससे जांच प्रभावित हुई है। इमरजेंसी केस में मेडिकल कॉलेज यदि कोई मरीज आता है तो उन्हें प्राईवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में भेजना पड़ता हैए वहां पर मरीजों को जो जांच सरकारी हॉस्पिटल में मुफ्त होती है उसके लिए उनको 2400 रुपए खर्च करना पड़ रहा है। तीन माह से परेशानी बनी हुई है।
कोतरा रोड स्थित एक डायग्नोस्टिक सेंटर में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने टाइअप कर रखा है। डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक ने बताया कि सिटी स्केन के लिए सामान्य मरीजों से 3 हजार रुपए लगता है, यदि कोई मेडिकल कॉलेज से आता है तो उन्हें 20 फीसदी का छूट दिया जाता है। इसमें वहां से आए मरीजों को 2400 रूपए खर्च होता है । इसी तरह एमआरआई के लिए भी जांच के लिए इसी तरह पैकेज बनाकर रखा गया है।
मेडिकल कॉलेज के अलग अलग विभागों के डॉक्टर्स हैए वे जांच करने के लिए मरीजों को यही सलाह देते हैं कि वह बाहर जाकर प्राईवेट डायनोस्टिक सेंटर में जांच करा ले। क्योकि वहां पर जांच होने के बाद रिपोर्टिंग होती हैए उससे विशेषज्ञ डॉक्टर्स मरीज की परेशानी को समझ पाते हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में जांच ना करा कर प्राईवेट सेंटर जांच कराने के लिए कहा जाता है। सोनोग्राफी की जांच परेशानी मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी डॉक्टर नहीं होने का नुकसान सिटी स्केन के साथ सोनोग्राफी टेस्ट के लिए भी होता हैए यहां पर जांच होने पर उसकी रिपोर्टिंग नहीं आ पाती है। इसलिए वहां पर अधिकांश मरीज जांच नहीं कराते है और आसपास प्राईवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच कराते हैं। वहां पर डेढ़ से दो हजार रुपए खर्च उठाना पड़ता है । डीन को हमने पॉवर दे रखा है, समय समय में विज्ञापन भी निकाल रहे हैए लेकिन वहां कोई भी डॉक्टर भर्ती के लिए नहीं आ रहा है। राज्य स्तर पर भी प्रयास किया जा रहा है, कोशिश में हम लगे हुए हैए इस साल पोस्ट ग्रेजुएशन से जो स्टूडेंट्स पासआउट होंगे। उन्हें हम सालभर के लिए रायगढ़ में पदस्थ करने के लिए कोशिश करेंगे। अभी आचार संहिता है, कही से भी हम डॉक्टर का ट्रांसफर नहीं कर सकते है।

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