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छत्तीसगढ़

योग,आयुर्वेद,स्वदेशी,वैदिक संस्कृति की निष्काम सेवा साधना एवं संघर्ष के तीन दशक पूर्ण

छुरा । पतंजलि परिवार द्वारा भारत स्वाभिमान न्यास एवं दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट का तीसवां स्थापना दिवस दीप यज्ञ के साथ मनाया गया। योग, आयुर्वेद, स्वदेशी, वैदिक संस्कृति, निष्काम सेवा साधना एवं संघर्ष के तीन दशक पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला संरक्षक यशवंत यादव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्थापना दिवस आयोजित किया गया। समारोह की शुरुआत में योग शिक्षक पोखन ठाकुर द्वारा देशभक्ति गीतों पर यौगिक जॉगिंग एवं छत्तीसगढ़ी पारम्परिक गीतों के साथ जुंबा कराया गया। भारत स्वाभिमान न्यास जिला प्रभारी संतराम कंवर एवं जिला महामंत्री शंकर लाल यदु द्वारा योग की बारीकियां सिखाई गई।जिला संगठन मंत्री देवनारायण यदु, तहसील प्रभारी हरीश नेताम एवं मनहरण पटेल द्वारा प्राणायाम कराते हुए उनके लाभ, सावधानी को सूक्ष्मता के साथ अभ्यास कराया गया। पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी अर्जुन धनंजय सिन्हा द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ दीप यज्ञ कराया गया। जिला संरक्षक यशवंत यादव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एक छोटे से गांव के साधारण परिवार में जन्मे स्वामी रामदेव के अदम्य साहस, पुरुषार्थ, दूरगामी सोच, दिव्य दृष्टिकोण का ही परिणाम है कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत को योग के क्षेत्र में पुन: विश्व गुरु के रूप में स्थापित किया।अपनी लगन दृढ़ संकल्प, प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर योगऋषि बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्णन एवं स्वदेशी के प्रवर्तक स्वर्गीय राजीव दीक्षित द्वारा भारत स्वाभिमान न्यास एवं दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की नीव रखी गई। दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के नाम से प्रारंभ हुई यात्रा आज लाखों कार्यकर्ताओं एवं करोड़ों समर्थकों के श्रद्धा, समर्पण, सहयोग से विश्वव्यापी आकार ले चुकी है। पतंजलि संगठन द्वारा प्रतिदिन लाखों की संख्या में नियमित योग कक्षा द्वारा करोड़ों भारतवासियों में स्वास्थ्य, राष्ट्रवाद एवं संस्कारों की अलख जगा रहा है। पतंजलि युवा भारत जिला प्रभारी मिथलेश सिन्हा ने कहा कि शून्य से शिखर की यात्रा पतंजलि है।स्वामी ने दीन दुखियों की सेवा हेतु ऋषियों की परंपरा योग को माध्यम बनाया। उन्होंने पतंजलि योगपीठ की स्थापना कर योग, आयुर्वेद, स्वदेशी को जन जन तक पहुंचाया।संचालन करते हुए योगविद अर्जुन धनंजय सिन्हा ने कहा कि जिस पुनीत उद्देश्य की पूर्ति हेतु भारत स्वाभिमान न्यास की स्थापना की गई थी वह लोगों के उत्तम स्वास्थ्य के रूप में फलीभूत हो रहा है। पतंजलि परिवार का ही अनुपम देन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में देखने को मिल रहा है जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी 193 देश, योग के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से एक साथ मनाते हैं। पतंजलि परिवार योग के साथ देशसेवा के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। आपदा काल में भी पतंजलि परिवार निष्काम भाव से सेवा कार्यों के लिए जुट जाता है। समारोह को आश्रम अधीक्षिका प्रेमवती ध्रुव एवं उपस्थित पदाधिकारियो ने भी संबोधित किया। आभार प्रदर्शन आश्रम से डिगेश्वरी गोस्वामी द्वारा किया गया।शिविरार्थी तनुजा, भावना, दामिनी, भानुमति, ईशा, जयमनी, रुचिका द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम में द्रौपदी, रेवती, विमला दीवान, कुमारी बाई, जयमनी, रिधीमा, खिरमती, त्रिवेणी, सीमा, गुंजन, योगिता, मुंगेश्वरी, लकेश्वरी, संगीता, दिव्या, सोनिया, उर्वशी सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थे। शिवरार्थीयों को गुड़ चना वितरित की गई।

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