Uncategorized

पंडवानी के दिग्गज जुटे एक मंच पर, महाभारत के प्रसंग हुए जीवंत

भिलाई । पंडवानी के पुरोधा और गुरु दिवंगत झाड़ू राम देवांगन के गृह ग्राम बासीन भिलाई में छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पंडवानी समारोह की शुरुआत शुक्रवार 23 दिसंबर की रात हुई। पहले दिन पंडवानी विधा के कई प्रमुख कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें इन कलाकारों के महाभारत के अलग-अलग प्रसंग अपनी-अपनी शैली में सुनाए। इन प्रस्तुतियों को देखने सुनने हजारों की तादाद में स्थानीय सहित आस-पास के तमाम ग्रामवासी मौजूद थे। शुरुआत पंडवानी के पुरोधा दिवंगत झाड़ूराम देवांगन के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। छत्तीसगढ़ आदिवासी लोककला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल, कला अकादमी के अध्यक्ष योगेंद्र त्रिपाठी व ग्राम बासीन के पंच-सरपंचों ने पुष्प अर्पित कर स्व. झाड़ू राम की स्मृति को नमन किया। आयोजन की दुष्यंत द्विवेदी की प्रस्तुति से हुई। जिसमें उन्होंने हनुमान-अर्जुन प्रसंग सुना कर उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया। इसके बाद मीना साहू ने अपनी पंडवानी में द्रौपदी स्वयंवर का दृश्य मंच पर सजीव कर दिया। लखन सिंह ध्रुव ने नकुल विवाह को रोचक ढंग से अपनी पंडवानी के माध्यम से बताया। इंदिरा जांगड़े ने जरासंध वध का वर्णन पूरे जोश के साथ किया, जिससे दर्शकों में भी उत्साह का माहौल बन गया। वहीं पंडवानी गुरू डॉ. तीजन बाई की शिष्या पूजा निषाद की प्रस्तुति भी ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। पूजा की प्रस्तुति में दर्शकों को तीजन बाई की छाप नजर आई। छत्तीसगढ़ आदिवासी लोककला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल ने बताया कि देर रात चले आयोजन में दुर्ग-भिलाई के अलावा रायपुर से भी कई प्रबुद्धजन विशेष रूप से शामिल हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button