तिल्दा-नेवरा जिला पंचायत क्रमांक 6 से क्यों हुई अनुराधा वर्मा की हार
भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता ने हार के पीछे कारणों की जांच करने संगठन से की मांग

तिल्दा नेवरा। भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत चुनाव में रायपुर जिला पंचायत क्रमांक 6 से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी अनुराधा वर्मा को पार्टी ने अपना प्रत्याशी अधिकृत तो कर दिया लेकिन हर ग्राम पंचायत में भारतीय जनता पार्टी तीन टुकड़ों में बंटे हुई दिखी। इसमें कुछ ऐसे भी भारतीय जनता पार्टी के लोग थे जो पार्टी के बूथ अध्यक्ष एवं विभिन्न पदों पर रहते हुए अधिकृत प्रत्याशी अनुराधा के खिलाफ में खुलकर के काम किया ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ में पार्टी ने किसी तरह का एक्शन नहीं लिया पार्टी केखिलाफ चुनाव लड़ रही पूर्व सरपंच संतोषी वर्मा और उसके समर्थन में पंचायत क्रमांक 6 में चुनाव प्रचार करने वाले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ में किसी तरह का कोई कार्रवाई नहीं होना निष्ठामन कार्यकर्ताओं को दुख लग रहा है पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ताओं ने इस जिला पंचायत क्रमांक 6 में अनुराधा वर्मा की हार पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अपनी हार बताई है और कहां है की तिल्दा भारतीय जनता पार्टी ग्रामीण मंडल में मंडल में कार्यकर्ताओं पर किसी तरह का कोई अंकुश नहीं है क्योंकि यहां मंडल का अध्यक्ष भी अभी तक नहीं बनाया गया है इसलिए हर बूथ पर कार्यकर्ता की आपस में ही चुनाव लड़े और पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ में भी तीन भागों में अलग-अलग दिखाई दिए कारण इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के तीन उम्मीदवार अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे जिला पंचायत के जिसमें भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी अनुराधा वर्मा को घोषित किया गया था इसके अलावा सेल साहू वह भी भारतीय जनता पार्टी के समर्पित बताई गई है तो दूसरी ओर संतोषी वर्मा और भारतीय भारतीय जनता पार्टी समर्पित ही सेल साहू भी पार्टी की कार्यकर्ता के रूप में रही है हालांकि सेल साहू ने क्रमांक 6 जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भारी मतों से जीता है उन्होंने अनुराधा वर्मा भारतीय जनता पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी को हराया है परंतु पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की बुरी तरह हर को लेकर के अलग-अलग सवाल उठाए जा रहे हैं।
पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कई सवाल खड़े कर दिए गए हैं करण जहां इस जीत से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की निंद उड़ा दी है। संगठन की दृष्टि से गांव गांव में बूथ कार्यकर्ता सक्रिय कार्यकर्ता सहित हजारों कार्यकर्ता होने के बाद चुनाव स्वतंत्र उमीदवार से हारना समझ से परे है। इस का मुख्य कारण कुछ बीजेपी नेता मंत्री जी की बात तक नहीं माने और बीजेपी संगठन के खिलाफ चुनाव प्रचार किया है जो समझ से परे है। उल्लेखनीय रहे जिला पंचायत क्रमांक 6 पूर्व में कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा का क्षेत्र रहा है और विकास के अनेक कार्यों के बावजूद बीजेपी प्रत्याशी की हार होना चिंतन का विषय है।
बताया जाता है बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ सैकड़ों बीजेपी की स्थानीय कार्यकर्ता है जो विभिन्न पद पर रहे है। दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा के विरोधी भी इस चुनाव में कार्य किये है इसमें कुछ प्लांट के प्रबंधकों के लोगो का नाम सामने आ रहा है। इसमें महेंद्रा स्पंच आयरन, संभव संयंत्र, ओर मिलेनियम संयंत्र है जो बीजेपी के प्रत्याशियों को हराने अलग अलग गावो में फंडिग की जानकारी मिल रही है।
हालांकि तिल्दा ब्लाक से रायपुर जिला पंचायत की दो सीट आती है इसमें पूर्व में सात क्रमांक स्वतंत्र रही है इस बार बीजेपी की स्वाति वर्मा चुनाव जीत ली है और यह सीट बीजेपी की झोली में गई है। ओर क्रमांक 6जो पूर्व में बीजेपी के पास थी इस बार स्वतंत्र प्रत्याशी शैल साहू ने जीत ली है। प्लांटों के विरोध के चलते भी हुआ नुकसान को गांव लखना सुगेरा, बेमता, भूमिया सहित अनेक गांव है जो सोमनाथ से नदी के पानी और एनीकेट के पास प्लांट लगने का विरोध ग्रामीणों ने किया है और पिछले कुछ महीनों से गांव के लोग विरोध कर रहे है।
सोमनाथ से महेंद्रा स्पंच तक आने वाली पाइप लाइन लखना के बाद नहीं जा पाई है। गांव के विरोध के बाद दूसरे गांव की तरह से लाइन लाने प्रयास रत प्लांट का विरोध हुआ और इससे ग्रामीणों ने बीजेपी प्रत्याशी का विरोध किया है। इस कारण रायपुर जिला पंचायत के इस 6क्रमांक में बीजेपी ने बीजेपी के प्रत्याशी को ही हराया। काग्रेस मुक्त रहा जिला पंचायत सदस्य का चुनाव है यहां काग्रेस मैदान में नहीं थी यानि काग्रेस मुक्त हो गया जिला पंचायत क्रमांक 6 इस का श्रेय मंत्री टंक राम वर्मा को ही जाता है अपने जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस को इस कदर हराया कि इस बार कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं था।