पेड़ गिरने से पोल झुका, सूचना के बाद भी सो रहा बिजली विभाग
दंतेवाड़ा । नगर के कैलाशनगर मोहल्ले में लोक निर्माण विभाग के रिटार्यड बाबू मो0 काशिम के घर के बरामदे में लगे एक नीम का पेड़ बीते 4 दिनों पूर्व टूटकर गिर गया था जिससे घर के मुख्य गेट के सामने स्थित एक बिजली पोल उसके चपेट में आ गया जिससे पोल नीचे से टूटकर एक ओर झुक गया। इसकी सूचना बिजली विभाग को तत्काल ही दे दी गई थी। बावजूद आज 5वां दिन बीतने को है मगर अब तक बिजली विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी टूटे हुए पोल को बदलने या सुधारने नहीं आया। ये हाल किसी गांव, कस्बे का नहीं बल्कि जिला मुख्यालय का है। बिजली विभाग की ऐसी घोर लापरवाही देख हर कोई हैरत में है। विभाग की ऐसी खस्ता और बदहाल हालत तो आज से तीन दशक पूर्व भी नहीं थी बल्कि उस जमाने में कम्प्लेन पर तत्काल सुधार कार्य हो जाया करते थे। विकास की अंधी दौड़ तथा आगे बढ़ने की होड़ में हम इतने पीछे कब हो गए ये हमें पता ही नहीं चला।
गौरतलब है कि जब से बिजली विभाग का आधे हिस्से का प्राईवेटेजेशन अर्थात निजिकरण हुआ है तब से प्रदेश भर में अंधकार का संकट छा गया है। दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता जब दो से चार बार लाईन न कटता हो। हालत यहां तक खराब हो चुका है विभाग का कि बिजली जाने, पोल टुटने, खम्बा गिरने, मीटर खराब होने या फिर ट्रांसफार्मर से शार्ट सर्किट होने की सूचना देने पर भी कर्मचारी कई कई दिनों तक सुधार करने नहीं आते। दंतेवाडा जिले में तो भगवान भरोसे बिजली विभाग का काम चल रहा है। पोल बदलने में देरी क्यों हो रही है। क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है? जब यह सवाल विभाग के ए.ई. नीरज कुजूर से पुछा गया तो उन्होने कहा कि उन्हें खबर है कि कैलाशनगर में मो0 काशिम के घर के सामने की पोल टूटकर झुक गया है। उन्होने अपनी समस्या बताते कहा कि दीपावली में कर्मचारी छुटटी पर गए हैं जो अब तक वापस नहीं लौटे हैं संभवत: सोमवार तक वे डयूटी पर आएंगे जिसके बाद ही पोल बदला जा सकेगा। वाह रे दंतेवाड़ा का बिजली विभाग। क्या किसी अधिकारी, नेता या फिर वीआईवी के घर के सामने की पोल टूटी होती या गिरा होता तो भी विभाग ऐसा ही जवाब देता या फिर अब तक पोल बदला जा चुका होता? ये सवाल हम अपने सुधि पाठकों पर छोड़ते हैं?