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छत्तीसगढ़

निर्माण कार्यों के लिए दानदाताओं का लगा तांता

छुरा । नगर के हृदयस्थल श्रीरामजानकी मानस मंदिर धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सामरिक महत्व का केंद्र है। दूरदराज से श्रद्धालुगण प्रभु दर्शन हेतु मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर में 1959 से मानस यज्ञ लगातार आयोजित किया जा रहा है। जिसमें भारतवर्ष के बड़े-बड़े विद्वानगण कथावाचन हेतु आते हैं। धार्मिक अवसरों पर मंदिर प्रांगण में हवन पूजन एवं कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें प्रमुख रूप से हिन्दू नव वर्ष, भगवान रामचंद्रजी का प्रागट्य उत्सव, रामनवमी, रथयात्रा, कृष्ण जन्माष्टमी एवं महाशिवरात्रि तक चलने वाला नव दिवसीय मन्मानस यज्ञ बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मन्मानस यज्ञ प्रचार समिति में छुरा नगर ही नहीं वरन् सैंकड़ों गांव के हजारों श्रद्धालु, संत महात्मा सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं। लगभग 71 वर्षों से यह यज्ञ बड़े भक्ति भाव के साथ आयोजित किया जाता है। इसी कड़ी में मानस मंदिर में सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण कार्य लगातार हो रहा है। जिसके लिए नगर के व्यापारीगण, अधिकारी-कर्मचारीगण, दूर दराज के श्रद्धालु दान देने हेतु आगे आ रहे हैं। फलस्वरुप बैकुंठ धाम का प्रवेश द्वार जिस पर जय विजय के पहरा देने का दृश्य निर्मित हुआ है। राम जानकी मंदिर में शंख, पदम धारण किए हुए हरि विष्णु के दशावतार को रूप देता हुआ भव्य काष्ठशिल्प से सुसज्जित दरवाजा निर्माण किया गया है। मंदिर के परिक्रमा स्थल में मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र जी के अवतरण से लेकर बाल लीला, शिक्षा ग्रहण, सीता स्वयंवर, पावन श्रीराम दरबार, लंका दहन सहित रामचंद्र जी के संपूर्ण जीवन चरित्र की झांकी को दीवाल पर उकेरी गई है। अयोध्या धाम में विराजे रामलला की भी लाइटिंग रूप में झांकी यज्ञस्थल में विराजित की गई है। इसके अतिरिक्त गजद्वार, मयूर द्वार, हनुमंतलला के संजीवनी बूटी हेतु पवनवेग का दृश्य एवं प्रांगण को चेकर टाइल्स से सुसज्जित किया गया है। मंदिर में प्रतिदिन भजन कीर्तन हेतु साउंड सिस्टम प्रदान किया गया है। कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर लड्डू गोपाल की चलित मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा भी किया गया। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के भव्य आयोजन उपरांत मन्मानस यज्ञ समिति एवं मंदिर जीर्णोद्धार उपसमिति के संयुक्त तत्वाधान में आभार भोज का आयोजन किया गया जिसमें सभी दानदाताओं को आमंत्रित किया गया। आयोजन समिति की ओर से गोपाल सोनी ने पूरे वर्ष के आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। सोनी द्वारा मंदिर में आगामी निर्माण कार्यों की रूपरेखा एवं जानकारी प्रस्तुत की गई। मंदिर में अब तक साढ़े छ: लाख का सृजनात्मक कार्य हो चुका है।आगामी कार्ययोजना में सीता रसोई कक्ष निर्माण की आधारशिला रखने का प्रस्ताव पारित हुआ। इस हेतु नगर के धर्म प्रेमी व्यवसायी विजय गुप्ता एवं परिवार द्वारा डेढ़ लाख रुपए की राशि दान स्वरूप देने की घोषणा हुई। आए हुए श्रद्धालुओं ने प्रत्येक कार्यक्रम हेतु यथासंभव सहयोग राशि देने का संकल्प लिया। अलग-अलग धार्मिक आयोजनो हेतु दानदाताओं का वट वृक्ष परिवार के नाम से अलग अलग समिति बनाकर सुव्यवस्थित तरीके से कार्यक्रम आयोजित करने का रुपरेखा बनाया गया। इस समिति में कोई भी सदस्यता ग्रहण कर धर्म के महायज्ञ में आहुति दे सकते हैं। इस तरह का यह कार्यक्रम नगर में पहली बार आयोजित हुआ जिससे जुड़ने के लिए धर्म परायण श्रद्धालुओं का विशेष जुड़ाव देखने को मिल रहा है। मानस मंदिर के सर्वराकार ओंकार शाह ने धार्मिक आयोजनों में तन मन धन से सहयोग देने हेतु सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त किया एवं अंचलवासियो को धर्मार्थ कार्यों में बढ़ चढ़कर सहयोग देने हेतु प्रेरित किया।

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