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छत्तीसगढ़

अखाड़े और लंगर के साथ मोहर्रम पर निकले ताजिए

भिलाई । हक के लिए अपनी शहादत देने वाले हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की याद में बुधवार को शहर में ताजिए निकाले गए। शहर के अलग-अलग हिस्से से निकले इस जुलूस में सवारी और अखाड़े भी शामिल हुए। दिन भर रूक-रूक कर होती रही बारिश का असर मोहर्रम के जुलूस पर पड़ा। हालांकि तमाम अंजुमनों ने बारिश को देखते हुए सारे इंतजाम पहले ही कर रखे थे। बारिश के बावजूद जुलूस में शामिल लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। रिमझिम बारिश के बीच भीगते हुए लोग इस जुलूस में ‘या हुसैन’ की सदा बुलंद करते रहे। जुलूस के दौरान जगह-जगह फातिहा ख्वानी चलती रही और दुआओं में कर्बला के तमाम शहीदों को याद किया गया। दोपहर में शहर की तमाम 48 अंजुमन अपने-अपने इमामबाड़े से ताजिए लेकर निकली। खुर्सीपार, कैम्प, पावर हाउस, गफ्फार कालोनी और अन्य हिस्से से ताजिए पावर हाउस पहुंचे। ये सभी ताजिय़े, अखाड़ा और तंज़ीमे अपने अपने चौक इमामबाड़ों से जुलूस के साथ अपने तयशुदा रास्तों से दोपहर 2 बजे निकलकर पावर हॉउस ओवर ब्रिज होते हुए इक्विपमेंट चौक पहुंचे। जहाँ से सेंट्रल एवेन्यू रोड होते हुए सेक्टर-5 चौक होते हुए सेक्टर-6 जामा मस्जिद रोड होते हुए कर्बला मैदान पहुंचे। सुपेला क्षेत्र में अंजुमन शहीदीया के साथ-साथ अन्य अंजुमनों के ताजिए फरीद नगर क्षेत्र से निकले। अंजुमन शहीदीया के संस्थापक हाजी एमएच सिद्दीकी ने बताया कि इस साल सुपेला अंडर ब्रिज बनने की वजह से सुपेला,फरीद नगर,लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर इस्लाम नगर, व बड़ा इमामबाड़ा के तमाम ताजिए फरीदनगर के विभिन्न मार्गों से गदा चौक होते हुए सुपेला चौक अंजुमन शहीदिया इमामबाड़े के पास अपने-अपने ताजिया अखाड़े लेकर पहुंचे। यहां अपने-अपने अखाड़ों के प्रदर्शन के बाद देर रात फोरलेन सैलानी बाबा के मजार के पास कर्बला मैदान पहुंचे। यहां फातिहा ख्वानी के साथ मोहर्रम का जुलूस खत्म हुआ। इसके पहले शहर की रिवायत के मुताबिक मुहर्रम का जुलूस बीती रात यानी 9 मुहर्रम को भी निकला। जिसमें अपनी-अपनी बस्तियों से निकलकर अलग-अलग मार्ग से होते हुए पावर हाउस चौक पर इक_ा हुए और अपने-अपने ताजिया-अखाड़े का प्रदर्शन कर सुबह 4 बजे वापस अपने अपने क्षेत्र के इमामबाड़ा पर लौट गए। 9 मुहर्रम की रात फरीद नगर और जेपी चौक-सेक्टर 6 ईदगाह के समीप अलाव का प्रदर्शन हुआ। जिसमें अकीदतमंदों ने अंगारों पर चल कर कर्बला के शहीदों के लिए अपनी मुहब्बत का इजहार किया।

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