कसडोल परियोजना कार्यालय में भीषण गर्मी से महिला पर्यवेक्षिकाएं परेशान
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कसडोल । महिला बाल विकास विभाग बलौदाबाजार जिला के कसडोल परियोजना में परियोजना अधिकारी राजेश क्षीरसागर ने इस भीषण गर्मी में अपनी सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा है। लू लगने व गरम हवा से बचने के लिए अपने कमरे में ठंडकता के लिए अनेक वर्षों से कूलर लगा के रखा है और इसी परियोजना के सात सेक्टरों में कार्यरत महिला पर्यवेक्षकों (कसडोल सेक्टर राजेश्वरी सिंह, कटगी सेक्टर लक्ष्मी साहू, सर्वा सेक्टर मुनिया वर्मा, हसुवा सेक्टर दीपिका तिवारी, टुंड्रा सेक्टर शीला धृतलहरे, गिरौदपुरी सेक्टर त्रिवेणी सिदार, छरछेद सेक्टर तनुजा धृतलहरे) को भीषण गर्मी (नौतपा) में, कार्यालय में खास कर सोमवार व अन्य कार्य दिवस के दिनों में बैठकर कार्य करना पड़ता है, जिससे उनकी तबीयत खराब हो रही है और उनकी कार्य
क्षमता भी प्रभावित हो रही है। अनेकों बार सभी महिला पर्यवेक्षकों ने गर्मी के दिनों में अपने (महिला पर्यवेक्षकों के) कमरे में एक कूलर की व्यवस्था करने के लिए निवेदन, विगत कई वर्षों से करते आ रहे हैं पर परियोजना अधिकारी राजेश क्षीरसागर के कान में जूं भी नहीं रेंगता अर्थात उसे रत्ती भर फर्क नहीं पड़ रहा है।
परियोजना अधिकारी राजेश क्षीरसागर, अंग्रेजों की नीति पर चलते हुए दो या तीन महिला पर्यवेक्षकों पर विशेष मेहरबानी करता है और अन्य महिला पर्यवेक्षकों को प्रताडि़त करने के उद्देश्य से उनके कार्यों में कमी निकालता है, उन्हें अवकाश प्रदान नहीं करता है।
मजेदार बात यह भी है कि कंप्यूटर कक्ष में भी कूलर लगा है जहां संविदा कर्मी कंप्यूटर पर कार्य करता है पर महिला पर्यवेक्षकों के लिए किसी भी प्रकार की कूलर की व्यवस्था नहीं की जा रही है। और ऊपर से उन पर कार्यों का बोझ इतना बढ़ा दिया गया है कि वे अवकाश के दिनों में भी घर में रहकर भी कार्य करती हैं। जिसके चलते अपने परिवार और बच्चों को समय नहीं दे पा रही हैं। इससे पति-पत्नी के आपसी संबंधों में भी तनाव उत्पन्न हो रहा है।।
अब देखना यह है कि परियोजना अधिकारी राजेश क्षीरसागर मानवीय आधार पर इस वर्ष की भीषण गर्मी को देखते हुए महिला पर्यवेक्षकों को राहत प्रदान करने के लिए उनके कक्ष में कूलर लगवाता है अथवा नहीं।