छत्तीसगढ़

नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की उपासना

भिलाई । चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा के तृतीय स्वरूप माँ चंद्रघंटा की पूजा श्रद्धा एवं भक्ति के साथ की जा रही है। नवरात्रि के प्रथम दिवस पर मंदिरों एवं घरों में गजकेसरी, बुधादित्य और सिद्ध मुहूर्त में कलश स्थापना के साथ ही देवी स्थापना कर माँ भगवती का स्वागत किया गया था साथ ही समस्त शक्तियों का आह्वान किया गया था। आज तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा का आह्वान कर उनका स्वागत किया गया और मंगल कामना की गयी। पंडित ज्योतिषियों के अनुसार बाघ पर सवार देवी चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। दस भुजाओं वाली देवी के हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र विभूषित हैं। आपके गले में सफ़ेद फूलों की माला सुशोभित रहती है। आपकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्धत रहने वाली होती है। आपके घंटे की सी भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव- दैत्य-राक्षस सदैव प्रकम्पित रहते हैं। दुष्टों का दमन और विनाश करने में सदैव तत्पर रहने के बाद भी इनका स्वरूप दर्शक और आराधक के लिए अत्यंत सौम्यता और शांति से परिपूर्ण रहता है। माँ चंद्रघंटा की आराधना से साधकों को चिरायु, आरोग्य, सुखी और संपन्न होने का वरदान प्राप्त होता हैं। मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएं नष्ट हो जाती हैं । इनका वाहन सिंह है अत: इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है।
मां कल्याणी शीतला मंदिर में 9 दिन विभिन्न आयोजन
मां कल्याणी शीतला मंदिर, मरोदा, रिसाली में इस वर्ष भी विशेष चैत्र नवरात्रि महापर्व का भव्य आयोजन किया गया है। अंचल के भक्त श्रद्धालु जनों को असीम आस्था और भक्ति का केंद्र बन चुकी इस धर्मस्थली में भक्तों द्वारा लगभग 1500 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए हैं। मंदिर परिसर को विभिन्न साज-सज्जा के साथ आकर्षक व भव्य स्वरूप प्रदान किया गया है। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए समिति द्वारा सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई गई है। परिसर के मुख्य सांस्कृतिक मंच पर पूरे 9 दिन विभिन्न धार्मिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें अंचल के 500 से अधिक कलाकार मंचीय प्रस्तुति देंगे। 25 मार्च को संगी-जहुंरिया फाग झांकी (छिपली, मगरलोड, धमतरी), 26 को महतारी के कोरा लोक कला मंच, (देऊरगांव, साजा), 27 को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व बिसंभर यादव मरहा सम्मान कवियत्री दीप दुर्गवी (कोरवा) को प्रदान किया जाएगा। 28 को सुप्रसिद्ध भजन गायक प्रभंजय चतुर्वेदी व साथी कलाकारों द्वारा सामूहिक-सुंदरकांड पाठ, 29 मार्च को छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम कारी बदरिया (मोखा) के साथ-साथ मंच से अलख यादव प्रतिभा सम्मान उमा साहू (पाऊवारा) को प्रदान किया जाएगा। पर्व के दौरान विशेष रूप से पंचमी के दिन 26 मार्च को बाना परघौनी, व अष्टमी 29 मार्च को महाष्टमी के अवसर पर महाभोग प्रसाद वितरण व प्रतिदिन संध्या महाआरती व अंचल की श्रेष्ठ मंडलियों द्वारा जसगीत सेवा भजन का कार्यक्रम होगा। अष्टकोणीय ज्योति कलश दर्शन व मीना बाजार आकर्षण के केंद्र रहेंगे। 30 मार्च को विशाल जंवारा विसर्जन शोभायात्रा दर्शनीय होगा। पर्व के दौरान हजारों की संख्या में गणमान्य नागरिक उक्त आयोजन के सहभागी लगेंगे। तथा अंचल के विशिष्ट जनों की उपस्थिति विभिन्न कार्यक्रमों में रहेगी।

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