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छत्तीसगढ़

निजी भूमि के दस्तावेज दिखाकर सरकारी जमीन पर राईस मिल का निर्माण

फिंगेश्वर/कोपरा । राजिम अनुविभाग के अंतर्गत के गांवो में इन दिनों शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा समेत अवैध तरीके से सेवा भूमि की बिक्री खूब चल रहा हैं। अनेक गांवो में शिकायत के बाद भी कार्रवाई नही हो रही हैं तो अनेक गांवो में जिम्मेदारों द्वारा ही प्रशासन में इसकी शिकायत नहीं कर रहे हैं। अगर कोटवारी जमीन बेचने व शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने का यही सिलसिला जारी रहा तो ऐसा दिन भी देखने को मिलेगा जब शासकीय निर्माण कार्यो के लिए प्रशासन के पास जमीन ही नही बचेगा।
सेवा भूमि के तौर पर मिले कोटवारी जमीन को अवैध तरीके से कोटवार ने किया बिक्री, शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नही- पहला मामला कोटवारी जमीन को अवैध तरीके से बेचे जाने का हैं। जानकारी के अनुसार जिले के सबसे बड़ी आबादी वाले ग्राम पंचायत कोपरा का हैं। जहां एक ग्राम कोटवार ने सेवा भूमि के लिए मिले जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर 2008 में बेच दिया गया। सेवा भूमि की बिक्री किये जाने का सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज के बाद शिकायत कर्ता अर्जुन यादव ने किया हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत कोपरा के कोटवार श्रवण नागरची गांव में कोटवार नियुक्त होने के बाद ग्राम कोटवार श्रवण नागरची के द्वारा सेवा भूमि को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर विक्रय किया गया हैं। श्रवण नागरची द्वारा ग्राम कोटवार नियुक्ति होने के बाद खसरा नंबर 2075 वर्तमान नंबर 2856 जो ग्राम कोटवार भूमि के नाम पर दर्ज हैं। उक्त सेवा भूमि को श्रवण नागरची के द्वारा हल्का पटवारी से मिलीभगत कर अपने नाम पर दर्ज करवा कर वर्ष 2008 में ग्राम बरौदा तहसील व जिला रायपुर के निवासी लाकेश्वर पिता सुखीराम साहू के पास बिक्री कर दिया गया। सूचना के अधिकार अधिनियम से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर अर्जुन यादव द्वारा इसकी शिकायत 3 माह पूर्व जिला कलेक्टर के समक्ष किया गया। लेकिन अब तक इस सेवा भूमि के अवैध बिक्री के संबंध में कोई कार्रवाई नही किया गया हैं।
निजी भूमि का दस्तावेज से एनओसी लेकर शासकीय भूमि पर कर दिया मिनी राइस मिल का निर्माण- दूसरा मामला ग्राम पंचायत कोमा का हैं, जहां एक मिनी राइस मिल वाले ने सरपंच-सचिव से सांठगांठ कर मिलर ने अपनी निजी जमीन के खसरा नंबर पर ग्राम पंचायत से एनओसी लेकर उसी जमीन के बाजू में स्थित शासकीय जमीन में अवैध तरीके से मिनी राइस मिल का निर्माण कर संचालन शुरू कर दिया गया हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि ग्राम पंचायत कोमा के निवासी मोरध्वज पिता टीकम तारक द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर मिनी राइस मिल का निर्माण कर संचालन कर रहे हैं। जब इसकी पड़ताल हमारे प्रतिनिधि द्वारा करने पर पता चला कि मोरध्वज तारक द्वारा ग्राम पंचायत कोमा से मिनी राइस मिल निर्माण के लिए एनओसी प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था, जिस पर 29 जुलाई 2021 को सभी पंचायत प्रतिनिधियों के आम सहमति से मोरध्वज तारक को उसके जमीन खसरा नंबर 731/5 में मिनी राइस मिल निर्माण के लिए एनओसी जारी किया गया। वही, एनओसी मिलने के बाद मिनी राइस मिल के संचालक द्वारा अपनी दबंगई दिखाते हुए अपनी जमीन पर मिनी राइस मिल का निर्माण न कर शासकीय भूमि खसरा नंबर 731/1 में अवैध तरीके से मिल का निर्माण कर संचालन भी शुरू कर दिया हैं। बताया जाता है कि इस अवैध कब्जाधारी के खिलाफ राजस्व विभाग में गांव के किसी भी जिम्मेदारों द्वारा कोई शिकायत भी नही किये जाने के कारण अवैध कब्जाधारी का हौसला बुलंद हो गया हैं।इस संबंध में जब सरपंच भुनेश्वरी बंजारे से चर्चा किया गया तो उन्होंने बताया कि मिनी राइस मिल के लिए मोरध्वज तारक को उसके निजी जमीन के खसरा नंबर में एनओसी पंचायत द्वारा जारी किया गया हैं। उक्त मिल संचालक द्वारा अपने निजी भूमि में मिल न बनाकर बगल में स्थित शासकीय भूमि में बनाया है, इसकी जानकारी मुझे 15 दिन पूर्व ही मिली हैं। अब उक्त शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सभी पंचों के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।इस संबंध में राजिम एसडीएम धनंजय नेताम से संपर्क करने पर उन्होंने फोन नही उठाया।

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