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छत्तीसगढ़

शासकीय योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, पांच गिरफ्तार

बलौदाबाजार । बलौदाबाजार पुलिस ने शासकीय योजना के नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर 1 लाख रुपए का गबन करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थी संतरा बाई निवासी गोड़ा थाना पलारी के लिखित रिपोर्ट पर कि आरोपीया मंजू मनहरे एवं अन्य द्वारा प्रार्थी के जिवित रहते हुए फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र एवं फर्जी खाता खुलवाकर श्रम विभाग से मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु दिव्यांग सहायत योजना के तहत 1,00,000 की राशि का गबन किया है। कि रिपोर्ट पर थाना पलारी में अपराध क्र. 373/22 धारा 420, 467 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। प्रकरण में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा द्वारा लंबित मामलो का शीघ्र निराकरण के निर्देश के परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र चौबे एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मुख्यालय अभिषेक सिंह के दिशा निर्देशन में विवेचना दौरान नगर पंचायत कसडोल से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में ग्रामीण बैंक बलौदाबाजार से फर्जी खाता के संबंध में श्रम विभाग से योजना के तहत संतरा बाई को स्वीकृत राशि के संबंध में जानकारी प्राप्त किया गया।
प्राप्त जानकारी एवं सभी पहलुओं पर बारिकी से जांच करने पर पाया कि मंजू मनहरे जो छत्तीसगढ भवन सहनिर्माण मजदूर संघ की सदस्य है जो उक्त संघ के उपाध्यक्ष राजेश मधुकर से मिलकर श्रम विभाग से श्रम कार्डधारी हितग्राहीयों का मृत्यु होने पर योजना के तहत राशि दिलाने का काम करते थे। कि प्रार्थी संतरा बाई का श्रम कार्ड, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र एवं इसके पति नोहर का आधार कार्ड धोखे से संतरा बाई से प्राप्त कर अपने साथी राजेश मधुकर से मिलकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु एक अन्य आरोपी अमर रात्रे के माध्यम से नगर पंचायत कसडोल में कार्यरत कम्प्यूटर सहायक गिरजाशंकर साहू के द्वारा फर्जी तरीके से मृत्यु पंजीयन कर जिवित महिला संतरा बाई का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराया गया।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनने के बाद आरोपी राजेश मधुकर ने श्रम विभाग से सांठ-गांठ कर मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु दिव्यांग सहायता योजना के तहत ऑनलाईन आवेदन किया गया तथा नामिनी नोहर राम के नाम से कियोस्क सेंटर बिटकुली के संचालक भूपेन्द्र कोसले द्वारा फर्जी तरीके से नोहर के नाम से छत्तीसगढ राज्य ग्रामीण बैंक में फर्जी खाता खोला गया। इस प्रकार मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु दिव्यांग सहायता योजना के तहत 1, 00, 000 की राशि नोहर के फर्जी खाते में श्रम विभाग द्वारा डाला गया, जिसको आरोपी मंजू मनहरे, राजेश मधुकर एवं भूपेन्द्र कोसले द्वारा आहरण कर निकालते हुए राशि को आपस में बांट लिये। करीब तीन चार माह बाद पटवारी जांच से संतरा बाई का जिवित होने की जानकारी आरोपीगण को होने पर घटना को छिपाने के लिए एक लाख रूपये श्रम विभाग में नोहर राम के नाम से फर्जी आवेदन देकर जमा कर दिया गया है।

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