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खेल – मनोरंजन

एकाग्रता, धैर्य, आत्मविश्वास का परिणाम

फुटबाल-कतर विश्व कप 2022, 36 वर्षों बाद अर्जेंटीना फिर विजेता

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
भारी उलटफेर के दौर से गुजरी यह स्पर्धा आखिरकार सही, लायक विजेता के साथ समाप्त हुई। अर्जेंटीना को विश्व में तीसरा जबकि फ्रांस को चौथा स्थान प्राप्त है। फ्रांस की टीम दो बार 1998, 2018 में साथ ही अर्जेंटीना ने 1978, 1986 में इस प्रतियोगिता के चैंपियन बने थे। वर्तमान विजेता होने की वजह से फायनल मुकाबले में खिताब की फिर से रक्षा करने का दबाव फ्रांस की टीम पर था। अर्जेंटीना के पास खोने के लिए कुछ नहीं था लेकिन 2018 में फ्रांस के हाथों राउंड आफ 16 में पराजय का बदला लेने का अवसर था। अर्जेंटीना 2014 में उपविजेता थी 36 वर्षों से टूर्नामेंट जीत नहीं सकी थी। इस तरह के वातावरण में अर्जेंटीना की फ्रांस से भिड़ंत संघर्षपूर्ण होने का अनुमान था। अर्जेंटीना की टीम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबालर लियोनल मेसी के नेतृत्व में फ्रांस से मुकाबला करने के लिए पिच पर उतरी। एक खेल पत्रकार होने के नाते मेरे लिए यह अवस्मिरणीय रहा कि मुझे 1986 विश्वकप का फायनल का टीम जर्मनी वि. अर्जेंटीना तथा 2022 का खिताबी मुकाबला अर्जेंटीना विरूद्ध फ्रांस भी टेलीविजन के माध्यम से जीवंत देखने का मौका मिला। यह भी गजब संयोग है 1986 में अर्जेंटीना के डियेगो मारडोना तथा 2022 में लियोनल मेसी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे। विश्व कप फुटबाल के इतिहास में यह कीर्तिमान भी अद्भुत है कि जिस टीम को ग्रुप स्टेज के पहले ही मैच में सउदी अरब जैसी विश्व की 51वीं वरीयता प्राप्त टीम के विरूद्ध 1-2 से परास्त होना पड़ा वही टीम आगे चलकर फिर अन्य स्टेज में कभी किसी टीम से पराजित नहीं हुई। यह सब कुछ टीमवर्क और सामूहिक एकता के द्वारा संभव है। फायनल में 79वें मिनट तक 2-0 की बढ़त होने के बाद जिस तरह फ्रांस ने वापसी की कोशिश की उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। फ्रांस के अत्यंत प्रतिभाशाली सिर्फ 24 वर्षीय मबापे ने दो मिनट के अंदर दो गोल करके पासा ही पलट दिया। जिस तरह अर्जेंटीना के डिफेंडर ने डी के अंदर गलती की वह फ्रांस की टीम के लिए लाभप्रद हो गई। 2-2 की बराबरी के पश्चात कशमकश भरे मैच के अंतिम दो मिनट में मबापे ने अर्जेंटीना की रक्षापंक्ति को तोड़ते हुए गोल ठोका वह लाजवाब था। पेनाल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना के शूटर्स ने चार मे सभी गोल किए वह स्पष्ट करता है कि उनके खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे हुए थे तथा फ्रांस के शूटर पूरी तरह निराश थे। 2022 के विश्वकप में पेनाल्टी शूटआउट से जिस तरह का प्रदर्शन जापान, ब्राजील के खिलाफ क्रोएशिया के खिलाड़ियों ने किया उससे स्पष्ट है कि फुटबाल में संघर्ष इतना तगड़ा हो गया है कि टीम में डिफेंडर, गोलकीपर, फारवर्ड के साथ ही सर्वश्रेष्ठ शूटर्स भी होने चाहिए। 2022 की इस स्पर्धा से सभी फुटबाल टीम व खिलाड़ियों के सबसे बड़ा सबक यही है कि पेनाल्टी शूटआउट को गंभीरता से लेना चाहिए। गोल करने से चूक जाने के कारण ब्राजील जैसी विश्व की पहले नंबर की टीम को दुर्भाग्यजनक ढंग से विजेता दौड़ से बाहर होना पड़ा। क्रोएशिया (12) तीसरे और मोरक्को (22) ने चौथा स्थान प्राप्त किया। अफ्रीका महाद्वीप की टीम मोरक्को ने अपने प्रदर्शन से सभी को हतप्रभ कर दिया। फ्रांस के केलियन मबापे अत्यंत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिन्होंने फायनल में हैट्रिक बनाई और उन्होंने 1966 में इंग्लैंड के जिओफ हर्स्ट की बराबरी की। हालांकि पेनाल्टी शूटआउट को मिलाकर फायनल में चार गोल दागने वाले वे 1930 से आरंभ विश्वकप स्पर्धा के पहले फुटबालर बने। हार-जीत का सिलसिला चलता रहेगा लेकिन कतर जैसे छोटे से देश ने सुव्यवस्थित आयोजन करके सबको मंत्रमुग्ध कर दिया है।

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