छत्तीसगढ़

स्वयंसेवकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से ग्रामवासियों को किया जागरूक

छुरा । मनुष्य की प्रतिभा या व्यक्तित्व का वृक्ष बचपन से ही मातृत्व वात्सल्य की छाया में पनपता है।सर्व संबंधों के स्वरूप द्वारा महिलाए नि:स्वार्थ, पवित्र स्नेह समाज को प्रदान करती हैं। जिस समाज में माताओं – बहनों काआदर सम्मान नही, वह समाज पिछड़ा हुआ समाज है, फिर चाहे वह कितना भी धनवान या समृद्ध क्यों न हो। 
राष्ट्रीय सेवा योजना की सप्त दिवसीय विशेष शिविर में बौद्धिक परिचर्चा के दौरान मातृत्व शक्ति को संबोधित करते हुए खदमा सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने उक्त बाते कही। उन्होंने रासेयो छात्र छात्राओं को भोजन का महत्व बताते हुए कहा की स्वयं सेवक छात्र छात्राए इस बात पर ध्यान दें की भोजन बनाना सिर्फ बहनों व माताओं का ही कार्य नहीं बल्कि सभी को आना चाहिए।भोजन बनाते समय अपने मन की स्थिति को शांत और शीतल रखकर, स्नेहपूर्वक परमात्म स्मृति में शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाए तो भोजन ग्रहण करने वालो पर भी शुद्ध भोजन का सुंदर प्रभाव पड़ता है। जैसा अन्न वैसा मन, जैसा पानी वैसी वाणी , जैसी वाणी वसा व्यवहार महिलाए अपने घर को न केवल स्वच्छ ही रखे बल्कि साथ साथ घर का वायुमंडल भ आध्यात्मिक, प्रेम मय व आदर्शमय रखे।वाणी और व्यवहार मधुर हो तो इन बातो का बच्चो के कोमल मन पर बहुत ही गहरा और दीर्घकालीन प्रभाव पड़ेगा। माता के गुण, कर्म, और स्वभाव का प्रभाव पूरे परिवार की रीड होती है।जिससे एक सभ्य, सुसंस्कारित व श्रेष्ठ समाज, सुखमय संसार का निर्माण होता है। ब्रह्मकुमारी अंशु दीदी ने 
राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवको द्वारा ग्रामीण महिलाओं के लिए आयोजित खेल प्रतियोगिता, एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन भी किया इस अवसर पर कॉलेज छात्र छात्राओं द्वारा महिलाओ को कुर्सी दौड़, फुगड़ी, जलेबी दौड़, हंडी फोड़ लोटा दौड़, आदि खेल खेलाए गए वही सांध्य कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्वयं सेवको ने अंध विश्वास और भ्रस्ताचार पर आधारित प्रहसन, छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं का मंचन किया।बारहमासी विधाओं ने लोगो का मन मोह लिया। रासेयो कार्यक्रम अधिकारी आर आर कुर्रे, प्राध्यापक तरुण निर्मालकर, निर्मला यादव, विनोद यादव ने ब्रह्मकुमारी अंशु दीदी का प्रतीक चिन्ह और श्रीफल भेंटकर सम्मान किए उपरोक्त कार्यक्रमो में ब्रह्मा कुमारी अंशु दीदी के साथ, ग्राम सरपंच नीरा बाई, महिला कमांडो अध्यक्ष पीली बाई, महिला मंडल के पदाधिकारी, महिला समूहों के अध्यक्ष, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी व स्कूलों की शिक्षिकाए, रासेयो छात्र छात्राओं व ग्रामीण महिलाए बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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